उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर शनिवार को एफआईआर दर्ज की गई थी। उसके बाद मुरादाबाद समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष ने भी दो पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया था। इसमें दोनों पत्रकारों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए थे। अखिलेश यादव की इस कार्रवाई का असर समाजवादी पार्टी को आने वाले चुनाव में देखने को मिल सकता है।
पत्रकारों ने अपनी तहरीर में पुलिस को बताया कि, मुरादाबाद में अखिलेश यादव की एक एक प्रेस कॉन्फ्रेंस थी। जिसके बाद कुछ पत्रकार उनसे व्यक्तिगत सवाल पूछ बैठे। इससे अखिलेश यादव बुरी तरह तिलमिला गए और उन्होंने अपने वीआईपी गार्ड और साथियों को पत्रकारों पर हमला करने के लिए उकसाया। इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ है। जिसमें कुछ लोग पत्रकारों को पीटते दिखाई दे रहे हैं। इस मामले में शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री समेत 21 लोगों पर मामला पंजीकृत हुआ है। इसमें अखिलेश यादव को नामजद बनाया गया है। यह मामला 11 मार्च 2021 का है।
पत्रकारों द्वारा मुकदमा दर्ज होने के बाद मुरादाबाद के समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष जयवीर सिंह यादव ने भी पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज कराया है। उन्होंने अपनी तहरीर में कहा है कि ‘11 मार्च को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का मुरादाबाद में एक कार्यक्रम था। कार्यक्रम होटल होलीडे रेजिडेंसी में रखा गया था। यहां उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी किया और मीडिया के लोगों से बात की। प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू होने से पहले ही लगभग 5:00 बजे फरीद शम्सी व उवैदुल रहमान नाम के व्यक्ति जो खुद को पत्रकार बता रहे थे, वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों तथा कार्यकर्ताओं पर लगातार छींटाकशी कर रहे थे। वे दोनों अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे।’
समाजवादी पार्टी के नेताओं और पत्रकारों के बीच इस समय तकरार हो गई है। मुरादाबाद समेत कुछ जिलों में समाजवादी पार्टी के खिलाफ काफी विरोध खड़ा हो गया है। मुरादाबाद के पत्रकार इस समय अखिलेश यादव के खिलाफ हैं। जिसका असर आने वाले पंचायत चुनाव और 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा।