उत्तर प्रदेश के सारे शिक्षण संस्थान 26 अप्रैल तक बंद, शिक्षक और स्टाफ की भी छुट्टी

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उत्तर प्रदेश के सारे शिक्षण संस्थान 26 अप्रैल तक बंद, शिक्षक और स्टाफ की भी छुट्टी

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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में लगातार फैल रहे कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने बड़ा आदेश जारी किया है। अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि सभी सरकारी, गैर सरकारी और अर्ध सरकारी शिक्षण संस्थानों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाए। शिक्षण संस्थानों में यह बंदी 26 अप्रैल तक लागू रहेगी। एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है। इसी आदेश के तहत राज्य के 5 शहरों में भी लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया गया है। इन शहरों में प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर और वाराणसी शामिल हैं।

हाईकोर्ट ने सुनाया यह आदेश
इस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस अजीत कुमार और जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने आदेश दिया कि कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी के साथ फैल रहा है। ऐसे में इसे रोकने के लिए लोगों की आवाजाही पर पाबंदी लगानी नितांत आवश्यक है। अदालत ने राज्य के 5 शहरों प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर नगर, लखनऊ और वाराणसी में पूरी तरह लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया है। शिक्षण संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में लिखा है कि शिक्षण संस्थानों की बंदी पूरे प्रदेश में लागू होगी। मतलब, 26 अप्रैल तक पूरे उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी, गैर सरकारी और अर्ध सरकारी शिक्षण संस्थान पूरी तरह बंद रहेंगे।

ये शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे
इनमें प्राइमरी स्कूल माध्यमिक स्कूल डिग्री कॉलेज यूनिवर्सिटी इंजीनियरिंग कॉलेज मेडिकल कॉलेज और कोचिंग सेंटर जैसे संस्थान भी शामिल किए गए हैं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में साफ तौर पर लिखा है कि इन सारे शिक्षण संस्थानों में केवल छात्र-छात्राएं ही नहीं बल्कि शिक्षक स्टाफ और मैनेजमेंट से जुड़े लोग भी इस दौरान उपस्थित नहीं रहेंगे

संक्रमितों को नहीं मिल रहा इलाज
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का संक्रमण बहुत तेजी के साथ फैल रहा है। पिछले एक सप्ताह से प्रतिदिन 20 हजार से ज्यादा नए मरीज सामने आ रहे हैं। प्रदेश के कई शहरों में अस्पतालों का बुरा हाल है। स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। संक्रमितों को अस्पतालों में बिस्तर नहीं मिल रहे हैं। ऑक्सीजन का संकट है। जिसके चलते बड़ी संख्या में मौत भी हो रही है। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कोरोनावायरस के संक्रमण ने स्वास्थ्य कर्मियों को भी अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम के जिम्मेदार अफसर कोरोनावायरस की चपेट में हैं। इन हालात का हवाला देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को अदालत ने यह आदेश जारी किया है।

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