Rampur News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रामपुर के पूर्व पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) आले हसन की 26 आपराधिक मामलों में सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने आले हसन की अर्जियों को स्वीकार करते हुए दिया है।
क्या है पूरा मामला
कोर्ट ने कहा कि याची पर किसी की जमीन पर कब्जा करने का आरोप नहीं है। न ही उसके नाम जमीन का बैनामा हुआ है, जिस ट्रस्ट ने जमीन ली है, उसके संस्थापक पूर्व कैबिनेट मंत्री सह अभियुक्त मोहम्मद आजम खां जमानत पर हैं। उनके खिलाफ 100 आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है और याची सात मई 2023 से जेल में बंद है। कोर्ट ने सशर्त जमानत मंजूर करते हुए कहा कि याची हर केस में अलग अलग मुचलका व प्रतिभूति जमा करेगा।
आले हसन का ट्रस्ट से कोई सरोकार नहीं
सीओ आले हसन पर किसानों को लाकअप में बंद कर धमकी देकर जबरन मौलाना मोहम्मद जौहर अली विश्वविद्यालय रामपुर के नाम बैनामा कराने व जमीन विश्वविद्यालय की बाउंड्री के अंदर कर लेने का आरोप है। याची का कहना है कि उसने कोई लाभ नहीं लिया है। राजनैतिक कारण से उसके खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। अवैध कब्जा बेदखली का वाद राजस्व संहिता की धारा 136 के तहत सिविल केस चल रहा है। सेवानिवृत्त होने के दो माह में 54 आपराधिक केस दर्ज किए गए हैं। सरकार के दबाव में चार्जशीट दाखिल की गई है। याची का ट्रस्ट से कोई सरोकार नहीं है। इससे पहले तीन केसों में फाइनल रिपोर्ट दाखिल हुई और याची को बरी कर दिया गया है। रामपुर के अजीमपुर थाने में दर्ज मामले में जमानत अर्जी दाखिल की गई थी।