Lucknow News : पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को पुलिस से दुर्व्यवहार और कामकाज में बाधा डालने के मामले में ज़मानत मिल गई है। लेकिन जिस केस में उन्हें जेल भेजा गया है उसमें लोअर कोर्ट से ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी गयी थी। अब हाई कोर्ट से ज़मानत मिलने पर ही रिहाई हो पाएगी। बता दें कि बीते 28 अगस्त को पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को सुप्रीम कोर्ट के बाहर रेप पीड़िता के आत्मदाह मामले में उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर के खिलाफ गोमती नगर थाने में सरकारी कार्य में बाधा डालने की वजह से मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस का आरोप था कि अमिताभ ठाकुर ने गिरफ्तारी के समय सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न किया और एक पुलिसकर्मी के तमाचा भी मारा था।
इन धाराओं में दर्ज हुई थी FIR
गोमती नगर थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर धनंजय सिंह ने उनके व उनकी पत्नी के खिलाफ आईपीसी की धारा 186/189/224/225/323/353/427 के तहत सरकारी कार्य मे बाधा उत्पन्न करने के आरोप में मुकदमा कराया था। बता दें कि अमिताभ ठाकुर को विरामखंड-5 स्थित आवास से उनको गिरफ्तार करने गयी थी। जहां गिरफ्तारी के दौरान काफी हंगामा देखने को मिला। पुलिस द्वारा अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार करते समय पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारने की वीडियो भी सामने आई थी।
9 सितंबर तक जुडिशल कस्टडी में भेजा गया था जेल
एसआईटी की जांच के आधार पर लखनऊ के हज़रतगंज थाने में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर और सांसद अतुल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद पुलिस ने अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर उनपर एफआईआर दर्ज करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को न्यायालय ने 9 सितंबर तक जुडिशल कस्टडी में जेल भेजा दिया गया था।