भुगतान के एवज में ठेकेदार से 50 हजार की रिश्वत लेते बाबू गिरफ्तार, ईओ फरार

शामली में दिवाली से पहले एंटी करप्शन टीम का धमाका : भुगतान के एवज में ठेकेदार से 50 हजार की रिश्वत लेते बाबू गिरफ्तार, ईओ फरार

भुगतान के एवज में ठेकेदार से 50 हजार की रिश्वत लेते बाबू गिरफ्तार, ईओ फरार

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Shamli News : उत्तर प्रदेश के शामली जिले से एक बड़ी खबर आ रही है। यहां दीपावली से पहले ही एंटी करप्शन टीम ने धमाका कर दिया है। शामली के कांधला थाना क्षेत्र के कस्बा कांधला की नगरपालिका में एंटी करप्शन टीम ने 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते एक बाबू को गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया लिपिक नगर पालिका के ईओ के कहने पर रिश्वत के रुपये लेता हुआ गिरफ्तार हुआ है। आरोपी ईओ मौके से फरार है। जनपद के सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार की पोल अब खुलती नजर आ रही है। पहले शिक्षा विभाग, फिर जिला विकास अधिकारी और अब नगर पालिका से ऐसे मामले सामने आए हैं। हालांकि एंटी करप्शन टीम ने सभी मामलों में एक-एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। जबकि किसी भी अधिकारी पुलिस और एंटी करप्शन टीम आज तक भी गिरफ्तार नहीं कर पाई है।

क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, शामली में पहले बेशिक शिक्षा विभाग के लिपिक को, फिर जिला विकास अधिकारी के ऑफिस के क्लर्क को एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। जबकि इन दोनों मामलों में जिला विकास अधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी के नाम मुकदमा पंजीकृत होने के बाद भी आज तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। वहीं, एक ऐसा ही मामला शामली के कांधला थाना क्षेत्र के कांधला नगर पालिका में सामने आया है। यहां पीड़ित ठेकेदार द्वारा ठेके के पैसे की रकम लेने के मामले में नगर पालिका के ईओ और लिपिक ने उसे 50000 रुपए की रिश्वत की मांग की थी। इस मामले में उसने एंटी करप्शन टीम को शिकायत की थी। एंटी करप्शन टीम की दिशानिर्देश पर रिश्वत के रुपये दिए गए। जहां आरोपी ईओ के कहने पर लिपिक को 50000 की रिश्वत दी गई और फिर रंगे हाथ एंटी करप्शन टीम ने लिपिक अकरम को रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार कर लिया। मुख्य आरोपी ईओ फरार है।

ऐसे हुई गिरफ्तारी
इस मामले में ठेकेदार कपिल सिंह का कहना है कि मुझे जो काम मिला था, उसे लगभग एक साल पहले की पूरा कर लिया था। तब से मैं भुगतान की मांग कर रहा था। उस मामले में जब बार-बार पैसे न देने पर, मैंने दूसरे ठेकेदारों से बात की तो उनके सभी का पेमेंट समय अनुसार किया जा रहा था। लेकिन, मुझे हर बार टरकाया जा रहा था। आखिर, मैंने एंटी करप्शन टीम से सहारनपुर जाकर संपर्क किया। आखिर, 50000 रुपए देते हुए एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ लिपिक अकरम को गिरफ्तार कर लिया। जबकि ईओ अभी फरार है। ईओ के कहने पर ही मैंने अकरम को 50000 रुपए दिए थे।

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