Tricity Today | शरद पूर्णिमा पर आधे घंटे तक नहीं हुए ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन
Vrindavan News : उत्तर प्रदेश के वृंदावन स्थित ठाकुर बांके बिहारी मंदिर सेवायत की मनमानी के कारण श्रद्धालु शरद पूर्णिमा पर अपने आराध्य के दर्शन से वंचित रह गए। मंदिर प्रशासक सिविल जज जूनियर डिवीजन ने जगमोहन ने आराध्य को विराजित करने के आदेश दिए थे। लेकिन, पौने आठ बजे मंदिर के पट खुलने के साथ ही श्रृंगार सेवाधिकारी ने गर्भगृह में ही आरती की। इधर, मंदिर प्रबंधन ने जगमोहन में सिंहासन रखवा दिया था। ऐसे में आराध्य के दर्शन नहीं हो सके। बाद में आठ बजे सेवाधिकारी बदले, तब कहीं बीस मिनट बाद आराध्य को जगमोहन पर विराजित कराया गया। इससे मंदिर के अंदर की व्यवस्था बिगड़ गई। भारी संख्या में पुलिस बल मंदिर पहुंचा।
ये है परंपरा
शरद पूर्णिमा पर हर वर्ष ठाकुर बांके बिहारी को मंदिर के जगमोहन (चबूतरे) पर विराजमान कराया जाता है। लेकिन सेवाधिकारी रसिक बिहारी गोस्वामी ने मंदिर प्रशासक सिविल जज जूनियर डिवीजन के न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर गर्भगृह से आराध्य को बाहर न निकाले जाने की मांग की। इस पर मंदिर प्रशासक ने जगमोहन में ही विराजित कराने का आदेश दिया। सुबह पौने आठ बजे मंदिर के पट खुल गए। इससे पहले ही गर्भगृह के आगे मंदिर प्रबंधन ने आराध्य के लिए सिंहासन रख दिया। लेकिन, सेवाधिकारी ने उन्हें बाहर नहीं निकाला और गर्भगृह में ही श्रृंगार आरती की। इस दौरान मंदिर में हजारों श्रद्धालु रहे।
बाद में ऐसे हुए दर्शन
गर्भगृह के बाहर विशाल सिंहासन रखा होने के कारण श्रद्धालुओं को दर्शन नहीं हो पाए। आराध्य को जगमोहन पर विराजित न करने की खबर पर पुलिस और मंदिर प्रबंधन के लोग पहुंच गए। बाद में आठ बजे सेवाधिकारी की ड्यूटी बदली। तब पर्दा डालकर ठाकुर जी को जगमोहन में विराजित कराया गया। इस दौरान 20 मिनट और लग गए। सुबह करीब 35 मिनट तक श्रद्धालुओं को दर्शन नहीं हो सके। एसपी सिटी एमपी सिंह भी मंदिर में बवाल न हो, इसे लेकर भारी पुलिस बल के साथ पहुंच गए। मंदिर प्रबंधक मुनीश शर्मा ने बताया कि मामले की जानकारी मंदिर प्रशासक को दी जाएगी।