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Uttar Pradesh : समूचा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। ऐसे में वीरभूमि महोबा के योगदान को याद किए बिना सब अधूरा है। यहां के रणबांकुरों ने अंग्रेजी हुकूमत की चूलें हिला दी थीं। 1857 के स्वाधीनता संग्राम में महोबा के लोगों ने अंग्रेजों को खदेड़ दिया था। एक तरफ सुगिरा के नरेश बरतानिया हुकूमत से लड़ रहे थे तो दूसरी ओर आम आदमी अंग्रेजों से लड़ रहा था। पांच अंग्रेज अफसरों को बकरी चराने वाले चरवाहों ने ही मौत के घाट उतार दिया था। अंग्रेजों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने 16 वीरों को फांसी के फंदे से लटकाया था। वीर आल्हा उदल की नगरी महोबा सत्तावनी क्रांति में रक्तरंजित हो गई थी।