जायदाद के लालच में दादा की हत्या की, फिर खुद गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया, अब सलाखों के पीछे है

रिश्तों का कत्लः जायदाद के लालच में दादा की हत्या की, फिर खुद गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया, अब सलाखों के पीछे है

जायदाद के लालच में दादा की हत्या की, फिर खुद गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया, अब सलाखों के पीछे है

Google Image | प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक कलियुगी पोते ने जायदाद की लालच में अपने ही दादा की गला घोंट कर हत्या कर दी। पोते ने शव को संदूक में रख कर घर से करीब 200 मीटर दूर तालाब के किनारे दफन कर दिया था। किसी को शक न हो, इसलिए आरोपी ने मृतक की पत्नी के साथ जाकर जिले के जैद्पुर थाने में दादा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामला 6 जुलाई, 2020 का है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। इसके बाद से पुलिस गुमशुदा की तलाश में थी। पर विधाता को कुछ और ही मंजूर था। छह महीने बाद मृतक की पत्नी की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी पोते को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पोते ने दादा की हत्या का जुर्म कबूल कर लिया है।
 
मामला बाराबंकी के जैद्पुर थाना क्षेत्र के गंजरिया गांव का है। गांव में रहने वाले राधेश्याम (58 वर्ष) गत 6 जुलाई को लापता हो गए थे। इस संबंध में उनके पोते सहदेव उर्फ लल्लू ने जैद्पुर थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था। पुलिस इसके बाद से ही लापता राधेश्याम की तलाश में जुटी थी। हत्या के तकरीबन छह महीने बाद सहदेव अपनी पत्नी से राधेश्याम की मौत का जिक्र कर रहा था। इस दौरान सहदेव ने बताया कि उसने अपने दादा की हत्या कर उनका शव संदूक में रख कर तालाब के किनारे मिट्टी में दफन कर दिया है। इस दौरान मृतक राधेश्याम की पत्नी वहीं मौजूद थीं और उन्होंने यह सब सुन लिया।

मृतक की पत्नी ने तुरंत अपने बड़े दामाद के साथ जाकर जैद्पुर थाने में पोते के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। इसके आधार पर जैद्पुर पुलिस ने गत शनिवार को सहदेव उर्फ लल्लू को गिरफ्तार कर लिया। पुछताझ में सहदेव ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने पुलिस को बताया कि जायदाद के लालच में उसने अपने दादा की गला दबाकर हत्या की थी। ठिकाने लगाने के लिए उसने शव को एक संदूक में रखकर तालाब के किनारे गीली मिट्टी में दफन कर दिया था। सहदेव की निशानदेही पर पुलिस ने तालाब के किनारे से संदूक बरामद कर लिया है। पुलिस को संदूक में सिर्फ एक कंकाल मिला है। कंकाल मृतक राधेश्याम का है या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए कंकाल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है।

इस हत्याकांड का खुलासा होने के बाद से ही गांव और आसपास के इलाकों में लोग हैरान हैं। हर किसी की जुबान पर सिर्फ इसी घटना का जिक्र है। लोग कलियुगी पोते के की अमानवीयता के बारे में बातें कर रहे हैं। मामले में जैद्पुर थाना प्रभारी निरीक्षक संदीप कुमार राय ने बताया कि 6 जुलाई को सहदेव ने राधेश्याम की गला दबाकर हत्या कर दी थी। इसकी भनक किसी को न लगे, इसलिए शव को घर के पास तालाब के किनारे मिट्टी में ढंक दिया था।

पूछताछ में आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। उसकी निशानदेही पर पुलिस को तालाब के किनारे से संदूक बरामद हो गई है। आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि जमीन को लेकर सहदेव ने राधेश्याम की हत्या की। सहदेव को लगता था कि राधेश्याम इस जमीन को बेचकर अपनी बेटियों को हिस्सा दे देंगे। पर सहदेव इसके लिए तैयार नहीं था। इसीलिए उसने अपने दादा की हत्या कर दी। पुलिस आरोपी के खिलाफ आगे की कार्रवाई कर रही है।

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