Uttar Pradesh : लोकसभा चुनाव से कुछ दिनों पहले बसपा (बहुजन समाज पार्टी) सुप्रीमो मायावती को बड़ा झटका लगा है। बिजनौर से बसपा सांसद मलूक नागर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। बसपा ने बिजनौर से इस बार मलूक नागर को किनारा करते हुए चौधरी विजेंद्र सिंह को टिकट दिया है। मलूक नागर इस वजह से नाराज चल रहे थे और पार्टी के कार्यक्रमों से दूर थे। इसी बीच उन्होंने गुरुवार को बसपा प्रमुख मायावती को अपना इस्तीफा भेजा है।
मलूक नागर ने इस्तीफे में मायावती को क्या लिखा
बिजनौर के सांसद मलूक नागर ने गुरुवार को बसपा प्रमुख मायावती को इस्तीफा भेजा है। उन्होंने लिखा है, "39 साल में ऐसा पहली बार हुआ कि हम विधायकी भी नहीं लड़ पाए और सांसद भी नहीं। हमारे परिवार की सामाजिक-राजनीतिक हैसियत या देशस्तर पर पहचान वाला कोई व्यक्ति नहीं, जो हमारे जितना लंबा समय बसपा में रहा हो। आज के परिवेश और राजनीतिक कारणों से बसपा की सदस्यता से इस्तीफा देते हैं। आपके साथ 18 साल रहकर जो समय गुजरा, उसके लिए आभार।"
कौन हैं मलूक नागर
बिजनौर के मुकरपुर खेमा में जन्में मलूक नागर बहुजन समाज पार्टी के सांसद हैं। वर्तमान में वह मुकरपुर खेमा, विदुर कोटि रोड में रहते हैं। मलूक नागर भारतीय राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता और व्यवसायी हैं। साल 2019 में वह बिजनौर से बसपा के टिकट पर सांसद चुने गए। सदन में किसानों, आम लोगों के मुद्दे उठाने वाले वेस्ट यूपी के सबसे मुखर जनप्रतिनिधि की छवि है। नागर 2019 चुनाव में यूपी के सबसे अमीर सांसद माने जाते हैं, उनके पास 249 करोड़ रुपये की संपत्ति है। लोकसभा में बसपा के उपनेता रह चुके मलूक नागर के घर आयकर विभाग के छापे भी पड़े थे। वह इस वजह से भी काफी चर्चा में रहे थे। उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के रूप में वर्ष 2009 और 2014 में उत्तर प्रदेश के मेरठ और बिजनौर लोकसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ा, लेकिन जीत न सके।