भाजपा और सहयोगी दलों ने 648 सीटों पर कब्जा जमाया, सपा पर भारी पड़े निर्दलीय, पढ़ें रिपोर्ट

यूपी ब्लॉक प्रमुख चुनाव: भाजपा और सहयोगी दलों ने 648 सीटों पर कब्जा जमाया, सपा पर भारी पड़े निर्दलीय, पढ़ें रिपोर्ट

भाजपा और सहयोगी दलों ने 648 सीटों पर कब्जा जमाया, सपा पर भारी पड़े निर्दलीय, पढ़ें रिपोर्ट

Tricity Today | बधाई देते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह

  • बीजेपी और उसके सहयोगी अपना दल (एस) ब्लॉक प्रमुख की 825 सीटों में से 648 पर कब्जा जमाने में कामयाब
  • भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों ने 735 सीटों पर चुनाव लड़ा था
  • जबकि 14 सीटें उसके सहयोगी अपना दल (एस) को दी गई थीं
  • पार्टी ने 76 उम्मीदवारों को परोक्ष समर्थन भी दिया
  • निर्दलीय प्रत्याशियों ने करीब 95 सीटों पर कब्जा किया है
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में प्रचंड जीत से उत्साहित यूपी भाजपा ने ब्लॉक प्रमुख चुनावों में भी जबरदस्त प्रदर्शन किया है। राज्य में 476 ब्लॉक प्रमुख पदों पर शनिवार को मतदान हुआ था। बीते दिन शाम 3 तीन बजे से मतगणना शुरू हुई थी। परिणाम के बाद सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी खुश है। बीजेपी और उसके सहयोगी अपना दल (एस) ने ब्लॉक प्रमुख की 825 सीटों में से 648 पर कब्जा करने में सफलता हासिल की है। 349 सीटों पर ब्लॉक प्रमुख निर्विरोध चुने गए थे। माना जा रहा है कि इस जीत से ग्रामीण क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी को बल मिला है। यूपी की राजनीति के जानकार इसे आगामी विधानसभा चुनावों के नजरिए से मुखयमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए शुभ मान रहे हैं। 

भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों ने 735 सीटों पर चुनाव लड़ा था। जबकि 14 सीटें उसके सहयोगी अपना दल (एस) को दी गई थीं। इस तरह कुल 749 सीटों पर पार्टी ने उम्मीदवार उतारे थे। पार्टी ने 76 उम्मीदवारों को परोक्ष समर्थन भी दिया। इन सभी के खिलाफ आधिकारिक रूप से समर्थित उम्मीदवारों को मैदान में नहीं उतार कर इनकी जीत सुनिश्चित की। शनिवार देर रात जारी नतीजों के बाद बीजेपी और उसके सहयोगी अपना दल (एस) को कुल 648 सीटें जीतने में कामयाबी मिली है। जबकि समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों ने 70 से अधिक सीटों पर जीत हासिल की। कांग्रेस प्रत्याशियों को सिर्फ दो सीटों पर जीत मिली है। निर्दलीय प्रत्याशियों ने करीब 95 सीटों पर कब्जा किया है। यूपी भाजपा ने शनिवार देर शाम अपनी जीत का जश्न मनाया। पार्टी ने राज्य के हर क्षेत्र में अपनी जीत-हार की समीक्षा की।

पार्टी की तरफ से कहा गया है कि - 
  1. भाजपा और सहयोगी अपना दल ने अवध क्षेत्र के लखनऊ और अयोध्या सहित 13 जिलों के 173 ब्लॉक में सर्वाधिक 136 सीटों पर जीत हासिल की है।
  2. भारतीय जनता पार्टी ने 12 जिलों गाजियाबाद, लखनऊ, वाराणसी, बदायूं, शाहजहांपुर, आगरा, श्रावस्ती, गौतमबुद्ध नगर, पीलीभीत, कन्नौज, बांदा और महोबा में क्लीन स्वीप किया है। यहां दूसरे दलों या निर्दलीय उम्मीदवारों को एक भी सीट नहीं मिली है।
  3. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सीधे प्रभुत्व वाले गोरखपुर समेत 10 जिलों में भाजपा को 116 ब्लॉक प्रमुख सीटों पर विजय मिली है। इन जनपदों में कुल 147 सीटें हैं। 
  4. बीजेपी और सहयोगी दलों ने ब्रज क्षेत्र में भी परचम फहराया है। मथुरा समेत ब्रज के 12 जिलों में पार्टी को 129 ब्लॉक प्रमुख सीटों में से 112 पर जीत हासिल हुई है। 
  5. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी समेत 12 जिलों में भी भाजपा का प्रदर्शन बेहतर रहा है। बीजेपी और अपना दल (एस) समर्थित उम्मीदवारों को 157 ब्लॉक प्रमुख सीटों में से 109 पर कब्जा करने में कामयाबी मिली है।
  6. कानपुर क्षेत्र के 14 जिलों के 110 ब्लॉक प्रमुख सीटों में से 90 पर भाजपा को जीत मिली है। 
  7. भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिमी यूपी में भी जोरदार धमक दिखाई है। माना जा रहा था कि वेस्ट यूपी के किसान केंद्र और राज्य सरकार से खासे नाराज हैं। मगर ब्लॉक प्रमुख परिणामों ने दिखा दिया कि एक धड़े को छोड़कर बाकी किसान कुछ मुद्दों पर सिर्फ सरकार से असहमत हो सकते हैं। 
  8. भाजपा ने वेस्ट यूपी के 14 जिलों में शानदार जीत हासिल की है। इनमें से कई जिलों में लगातार किसान आंदोलन होते रहे हैं। इन जिलों में बीजेपी और उसके समर्थित उम्मीदवारों ने 109 ब्लॉक प्रमुख सीटों में से 85 पर जीत दर्ज की है। 
334 उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए
बीते शनिवार की सुबह 11 बजे से 476 ब्लॉक प्रमुख पदों पर मतदान कराया गया था। 8 जुलाई को नामांकन के दिन राज्य के 24 से ज्यादा जनपदों में जमकर हिंसा और बवाल हुआ था। राज्य सूचना आयुक्त की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक 349 ब्लॉक प्रमुख निर्विरोध निर्वाचित हुए थे। निर्विरोध चयन में 334 भाजपा के उम्मीदवार हैं। निर्वाचन आयोग के अनुसार 825 ब्लॉक प्रमुख पदों के लिए 1778 नामांकन पत्र दाखिल हुए थे।  जांच के बाद इनमें से 68 नामांकन पत्रों में विसंगतियां पाई गई और इन्हें रद्द कर दिया गया है। जबकि 187 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया। इसके बाद कुल 1710 प्रत्याशियों का नामांकन वैध पाया गया था। इस बार गोंडा जनपद के मुजेहना ब्लॉक का कार्यकाल पूरा नहीं हुआ है। इस वजह से यहां निर्वाचन नहीं कराया गया। 

आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्लॉक प्रमुख चुनावों को निष्पक्ष और कानून व्यवस्था के दायरे में कराने का आदेश दिया था। लेकिन नामांकन के दिन से शुरू हुई हिंसा और बवाल चुनाव के आखिरी दिन तक जारी रहा। मतदान के दिन राज्य के 20 से ज्यादा जनपदों में लाठी-डंडे और गोलियां चलीं। पत्रकार और पुलिसकर्मी सब पीटे। समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया है कि सत्ता का दुरुपयोग कर भारतीय जनता पार्टी ने सपा के प्रत्याशियों को हराया है। बहुजन समाज पार्टी ने इन चुनावों से पहले ही दूरी बना ली थी। पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने कहा था कि जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव सत्ता के होते हैं। जिस की सरकार होगी, अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख भी उसी के होंगे।

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