Tricity Today | दादरी में डॉ.दिनेश शर्मा को फरसा भेंट करते हुए ब्राह्मण समाज के लोग
पंजाब की 'आप' सरकार अलोकतांत्रिक तरीके से कर रही है काम
प्रधानमंत्री ने परशुराम कुण्ड के जीर्णोद्धार के लिए 40 करोड़ रुपये दिए
यूपी सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के क्षेत्र में कर रही है सराहनीय कार्य
ब्राह्मण अपने लिए कम और समाज के लिए अधिक करता है काम
ब्राह्मण केवल जाति न होकर एक श्रेष्ठ जीवन जीने की कला का है ध्वजवाहक
पाश्चात्य संस्कृति के कुसंस्कारों से समाज को बचाना ब्राह्मण का है दायित्व
लुप्त होती जा रही परंपराओं और संस्कृति को बचाने की ब्राह्मण की जिम्मेदारी
पुरोहितों की बेहतरी के लिए बोर्ड बनने से उनके जीवन में बदलाव आना निश्चित
Greater Noida News : उत्तर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री डा.दिनेश शर्मा ने कहा कि पंजाब सरकार अलोकतांत्रिक तरीके से काम कर रही है। कानूनी प्रक्रिया का सही तरीके से पालन नहीं कर रही है। रविवार को ग्रेटर नोएडा में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि तेजिन्दरपाल सिंह बग्गा की गिरफ्तारी में उस सामान्य प्रक्रिया का भी अनुपालन नहीं किया गया, जिसके अनुसार दूसरे राज्य में किसी की गिरफ्तारी करने आई पुलिस को करना चाहिए। मसलन, संबंधित थानाक्षेत्र को अपने आगमन और कारण की सूचना देनी होती है। यह कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी के मेरठ-सहारनपुर सीट से शिक्षक एमएलसी श्रीचंद शर्मा ने आयोजित किया था।
'पंजाब सरकार दिशाहीन होकर काम कर रही है'
ग्रेटर नोएडा में दादरी के पास धूम मानिकपुर गांव में आयोजित कार्यक्रम में दिनेश शर्मा ने कहा, "भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को आनेवाले चुनाव में जनता तक इस संदेश को पहुंचाना है कि उनकी पार्टी प्रजातांत्रिक मूल्यों एवं व्यवस्था का अनुपालन करने के लिए संकल्पित है। हमारी सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा समेत सभी क्षेत्रों में काम कर रही है।" उन्होंने कहा कि हाल के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सफलता से कार्यकर्ता अति उत्साहित हैं। कार्यकर्ता के उत्साह को दिशा देकर उसे आनेवाले लोकसभा चुनाव के लिए तैयार रहने की जरूरत है।
'ब्राह्मण सामान्यतः संत प्रवृत्ति का होता है'
भगवान परशुराम जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित विशाल कार्यक्रम में बोलते हुए डा.शर्मा ने कहा, "देवतुल्य वह होता है जिसमें अच्छे संस्कार हों, सत्य हो, आचरण हो तथा जो सदगुणों से भरा हुआ हो। सामान्यतः ब्राह्मण संत प्रकृति का होता है, क्योंकि वह अपने लिए कम और समाज के लिए अधिक काम करता है।" उन्होंने ब्राह्मण के गुणों को परिभाषित करते हुए बहुत सुन्दर विवेचना की और कहा कि इन सदगुणों के कारण उसे ब्राह्मण देवता भी कहा जाता है। जब ब्राह्मण का नाम आता है तो एक आचरणयुक्त व्यवस्था से विभूषित व्यक्तित्व सामने आता है। ब्राह्मण केवल जाति न होकर एक श्रेष्ठ जीवन जीने की कला का ध्वजवाहक भी है। उन्होंने कहा कि समाज किस प्रकार से संचालित हो, यह न केवल आज की आवश्यकता है बल्कि ब्राह्मणों का यह दायित्व भी है।
'पाश्चात्य संस्कृति के कुसंस्कारों से समाज को बचाना जरूरी'
पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सम्पूर्ण विश्व भारत की ओर देख रहा है। भारत विश्व गुरू इसलिए बन रहा है कि यहां के पावन ग्रन्थ विश्व को दिशा देनेवाले हैं। वेदव्यास द्वारा रचित वेद पुराण, महर्षि बाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण और भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गीता के माध्यम से अर्जुन को दिया गया संदेश हर काल में सामयिक हैं। ये सारे ग्रन्थ मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। इस सबके साथ श्रेष्ठ जीवन जीने का मार्ग ब्राह्मण ने ही प्रशस्त करने में योगदान दिया है। इन सदगुणों के कारण ही ब्राह्मण का दायित्व बढ़ जाता है। उन्होंने जन्म से लेकर युवावस्था तक विदेशियों की उस संस्कृति की चर्चा की जिसमें वृद्ध होने पर माता-पिता को वृद्धाश्रम में डाल दिया जाता है। उनका कहना था कि इस पाश्चात्य संस्कृति के कुसंस्कारों से समाज कोे बचाना ब्राह्मण का सबसे बड़ा कर्तव्य है।
'उनकी संस्कृति प्रदर्शन और हमारी संस्कृति दर्शन'
डॉ.दिनेश शर्मा ने कहा, "संयुक्त परिवार की परिकल्पना को जीवित रखना ब्राह्मण की जिम्मेदारी है।" उन्होंने भारतीय संस्कृति और परंपरा के आदर्शों एवं विदेशी संस्कृति के कुसंस्कारों में बड़ा सुन्दर अन्तर स्पष्ट करते हुए ब्राह्मण को उनकी जिम्मेदारी के प्रति आगाह किया। उनका कहना था कि पाश्चात्य संस्कृति प्रदर्शन है और भारतीय संस्कृति दर्शन है। इस दर्शन को लाने का काम ब्राह्मण ने किया है। डा.शर्मा ने कहा कि दादा-दादी और नाना-नानी द्वारा बच्चे में संस्कार पैदा करने की परंपरा पर आज संकट इसलिए आ गया है क्योंकि आज बच्चे के बड़ा होते ही उसे छात्रावास भेज दिया जाता है। जन्म दिवस पर सत्यनारायण की कथा सुनने का स्थान पर आज चाकू से अंडेवाला केक काटने व हैपी बर्थडे कहने की परंपरा चल गई है। उनकी संस्कृति बांटने की और भारतीय संस्कृति जोड़ने की है। भारत में नारी का सम्मान का किया जाता है। इसीलिए सीता-राम, राधा-कृष्ण, गौरी-शंकर, लक्ष्मी-नारायण उमा-शंकर और माता-पिता का संबेाधन किया जाता है। इस परंपरा को डालनेवाला और कोई नहीं, ब्राह्मण है।
'लौटकर आ रहा है भारत का सांस्कृतिक राष्ट्रवाद'
हिन्दू धर्म जीव-जन्तुओं तक की रक्षा करता है और इस धर्म का संवाहक ब्राह्मण है। डॉ.शर्मा ने लुप्त होती जा रही प्राचीन परंपराओं का जिक्र करते हुए कहा कि पहले कुआं पूजन होता था। आज कुए समाप्त होते जा रहे हैं। पहले नदियों का पूजन भाव के साथ होता था तो नदियोें के संरक्षण की प्रतिबद्धता होती थी। आज होली पर होली के गायक नहीं मिलने आते। यही हाल दीपावली का होने लगा है। किंतु योगी आदित्यनाथ जी ने जब प्रदेश की बागडोर संभाली तो वे पूरे मंत्रिमंडल को अयोध्या ले गए और पहली बार सात लाख दीपकों से और दूसरी बार 11 लाख दीपकों से और अब अनगिनत दीपकों के प्रज्वलन से अयोध्या में दीपावली मनाई। हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा उसी प्रकार से हुई, जिस प्रकार से माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ मर्यादापुरूषोत्तम राम वन गमन के बाद अयोध्या आए थे। इस सबके पीछे उद्देश्य प्राचीन परंपराओं और सस्कृति की रक्षा करना और उसे पुनर्जीवित करना है। आज भारत का सांस्कृतिक राष्ट्रवाद लौटकर आ रहा है।
'परशुराम भगवान से जुड़े स्थलों का जीर्णोद्धार हो रहा है'
उत्तर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने अरूणाचल प्रदेश में बहुत बड़ा काम किया है। वहां पर परशुराम कुण्ड उपेक्षित सा पड़ा था। प्रधानमंत्री ने उसके जीर्णोद्धार एवं परशुराम स्मृति केन्द्र बनाने के लिए 40 करोड़ रुपये दिए हैं। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय से उसका निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद वहां जाने की सलाह दी। प्रधानमंत्री को इसलिए साधुवाद दिया कि उन्होंने सांस्कृतिक दृष्टि से उत्तर प्रदेश को अरूणाचल से जोड़ने का काम किया है। उन्होंने भारत सरकार द्वारा हाल में परशुराम जयन्ती पर परशुराम जी का डाक टिकट जारी करने केे लिए आभार व्यक्त किया। शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शाहजहांपुर में परशुराम तीर्थस्थल पर करोड़ों रुपये खर्च करने का आदेश दिया है। तीर्थ पुरोहितों के लिए बोर्ड बनाने का विचार करके उनके उत्थान का निश्चय किया है। उनका कहना था कि वे इन दोनों कार्यों के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। उम्मीद करते हैं कि अब तीर्थ पुरोहितों का कुछ न कुछ कल्याण होगा। उन्होंने कहा कि यह सब इसलिए संभव हो रहा है कि ब्राह्मणों ने राष्ट्रीय सोच की सरकार बनाई। सरकार परशुराम से संबंधित हर जिलें में स्मृति चिन्ह इसलिए तैयार कर रही है कि ब्राह्मण की यह दिली इच्छा है।
'ब्राह्मणों को गाली देने वाले एक सीट पर सिमट गए'
डॉ.दिनेश शर्मा ने जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, "राष्ट्रीय सोच की सरकार ब्राह्मण ऊर्जा शक्ति को पहचानती है। ब्राह्मण ने चुनाव में बीजेपी को सहयोग करके राष्ट्र चेतना को जागृत किया है। 'परिन्दा पर नहीं मार सकता' कहने वालों को ब्राह्मण ने अपनी शक्ति दिखा दी औैेर कहा कि राम लला हम आएंगे मन्दिर वहीं बनाएंगे। जिन्होंने कभी कहा था कि तिलक तराजू और तलवार...वे ब्राह्मण की शक्ति और तेज के कारण एक की संख्या पर आ गए हैं। उन्होंने कहा कि समग्र भारत की कल्पना को साकार करते हुए दहेज के खिलाफ अभियान चलाना है। यह देखना है कि बच्चों को संस्कृत भाषा की शिक्षा अवश्य दी जाए और हर बच्चा संस्कृत के कुछ श्लोक अवश्य कंठस्थ करे तथा संस्कारवान बने। उनका कहना था कि नशाखोरी और शराब के खिलाफ अभियान चलाना है। आज राम मन्दिर बन रहा है तो ब्राह्मण और आम जनमानस खुश है, वह देवों के प्रति अपशब्द बर्दाश्त नहीं कर सकता। आज काशी में कॉरीडोर बन गया है तो मथुरा वृन्दावन के जन्माष्टमी, होली जैसे पर्वों को सरकार मना रही है। यह सब ब्राह्मण की एकता एवं राष्ट्रवादी सरकार बनाने का ही परिणाम है।
कार्यक्रम में गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉक्टर महेश शर्मा, अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम, दर्जा प्राप्त मंत्री सुनील भराला, विधान परिषद के सदस्य श्रीचंद शर्मा, साहिबाबाद के विधायक सुनील शर्मा, दादरी के विधायक तेजपाल नागर, भाजपा जिला अध्यक्ष विजय भाटी, पूर्व विधान परिषद सदस्य सतीश शर्मा, सत्य प्रकाश विकल और पंडित पीतांबर शर्मा उपस्थित थे।