प्रशासनिक अधिकारियों के अपमानजनक रवैये से क्षुब्ध होकर शनिवार को बदायूं में बहुजन समाज पार्टी के एक नेता ने आत्महत्या कर ली। मामला बदायूं जिले के सहसवान तहसील क्षेत्र का है। पार्टी के एक दलित नेता हरवीर सिंह ने तहसील परिसर में ही सल्फास की गोलियां खा ली। बाद में नेता की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। बसपा नेता ने दो पेज का सुसाइड नोट लिखा है। पूरे मामले के लिए उप जिलाधिकारी एसडीएम सहसवान और रजिस्ट्रार, कानून को जिम्मेदार ठहराया है।
प्रशासन ने मामले की गंभीरता समझते हुए कानूनगो को निलंबित कर दिया है। आगे की जांच अपर जिलाधिकारी को सौंप दी गई है। बदायूं के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने इस बारे में मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हरवीर नाम के एक व्यक्ति ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। जिलाधिकारी ने संबंधित कानूनगो को निलंबित कर दिया है और मामले की जांच अपर जिलाधिकारी राजस्व एवं वित्त नरेंद्र बहादुर सिंह को दी गई है।
अपर जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ने बताया कि प्रथम दृष्टया कानून को दोषी पाए जाने पर निलबिंत किया जा रहा है। मामले की जांच एडीएम वित्त एवं राजस्व को सौंपी गई है। साथ ही भूमि का पट्टा मृतक के परिजनों को आवंटित किया जा रहा है। परिजनों ने बताया कि सहसवान तहसील क्षेत्र के गांव रसूलपुर का रहने वाला हरवीर सिंह 40 बहुजन समाज पार्टी का तहसील अध्यक्ष था। पुलिस को दी गई तहरीर में मृतक बसपा नेता के भाई जयवीर सिंह ने कहा है कि वर्ष 2006 में हरवीर सिंह को जमीन का पट्टा आवंटित किया गया था। इसको संक्रमणीय भूमिधर में दर्ज कराने के लिए वह तहसील के चक्कर लगा रहा था। पर रजिस्ट्रार कानूनगो और उप जिलाधिकारी उससे 50 हजार रुपये रिश्वत की मांग कर रहे थे।
मृतक के भाई का आरोप है कि शनिवार को एसडीएम सहसवान किशोर गुप्ता ने उसके साथ बदसलूकी की। उन्होंने मृतक को जेल भेजने की भी धमकी दी। हरवीर इस अपमान से इतना दुखी हुआ कि उसने तहसील परिसर में ही सल्फास खा ली। इसकी जानकारी उसने अपने परिजनों को फोन पर दी। आनन-फानन में उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां उसकी मौत हो गई। हरवीर ने सुसाइड नोट भी लिखा है, जिसमें उसने एसडीएम किशोर गुप्ता और रजिस्ट्रार कानूनगो को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है। बसपा नेता ने मीडिया से दोषी दोनों अधिकारियों को सजा दिलवाने की गुहार भी लगाई है।