Google Image | भालचंद्र यादव से मुठभेड़ के बाद पुलिस टीम, आईपीएस अंकित मित्तल साथ में खड़े हैं। File Photo
इन सभी पर फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप, जिला अदालत के आदेश पर दर्ज हुई एफआईआर
मामले में जिले के पूर्व एसपी और यूपी एसटीएफ टीम के 15 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ
Chitrakoot News : चित्रकूट के पूर्व पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल के लिए एक एनकाउंटर गले की फंस बन गया है। जिले में 31 मार्च 2021 को इनामी डकैत गौरी यादव गिरोह के सदस्य भालचंद्र यादव को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। उसकी पत्नी ने फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाकर कोर्ट की शरण ली थी। जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर पूर्व एसपी अंकित मित्तल और एसटीएफ के पुलिस कर्मियों समेत 15 लोगों के खिलाफ हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।
यह है मामला
जिला न्यायालय के अधिवक्ता राजेंद्र यादव ने बताया कि सतना जिले के नया गांव क्षेत्र में पड़वनियां गांव की निवासी नथुनिया ने अदालत में केस दायर किया है। नथुनिया, भालचंद्र यादव की पत्नी हैं। उसने अपर सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायाधीश डीडी एक्ट) की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। प्रार्थना पत्र में बताया कि भालचंद्र 31 मार्च 2021 को अपने भाई लालचंद्र के साथ सतना न्यायालय में पेशी पर गया था। लौटते समय सतना जिले के कोठी कस्बा के पास एक सफेद रंग की स्कॉर्पियो ने ओवरटेक किया। दोनों को टक्कर मारकर बाइक से गिरा दिया गया। इसके बाद यूपी एसटीएफ के जवान मारपीट करके भालचंद्र को गाड़ी में डालकर ले गए।
नंगे बदन पर मारी गई थी गोली
भालचंद्र को एसटीएफ का एक जवान चित्रकूट की ओर ले गया। वहीं उसी दिन शाम को लगभग सात बजे सूचना मिली कि चित्रकूट के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल के निर्देश पर गौरी गैंग के साथ मुठभेड़ हुई है। जिसमें यूपी एसटीएफ, जनपद चित्रकूट की स्वाट टीम, बहिलपुरवा और मारकुंडी थाने की पुलिस ने भालचंद्र यादव को मार गिराया है। भालचंद्र के शव पर बेरहमी से पीटे जाने के निशान थे। साथ ही गोली भी नंगे बदन पर मारी गई थी, क्योंकि उसकी शर्ट पर गोली लगने के निशान नहीं थे।
10 महीने बाद एफआईआर दर्ज की गई
इस प्रार्थना पत्र पर अपर सत्र न्यायाधीश विनीत नारायण पांडेय ने बहिलपुरवा थाना प्रभारी को रिपोर्ट दर्ज करके विवेचना करने का आदेश दिया। अब बहिलपुरवा थाने में मुकदमा दर्ज हो गया है। वहीं, इस मामले में अधिवक्ता राजेंद्र यादव का कहना है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद 10 महीने बाद यह एफआईआर दर्ज की गई है। ऐसे में उन्हें सही विवेचना होने की उम्मीद नहीं है। इसलिए वह प्रशासन से किसी अन्य अधिकारी से जांच कराने की मांग करेंगे।
मुकदमें में हत्या और अपहरण की धाराएं
इस मुकदमे में हत्या और अपहरण जैसे संगीन आरोप हैं। अदालत के आदेश पर मामला दर्ज कर लिया गया है। स्थानीय पुलिस अभी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। दूसरी ओर जिले में बतौर एसपी तैनात रहे आईपीएस अंकित मित्तल पर भी यह मुकदमा दर्ज किया गया है। अंकित मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं और 2014 बैच के आईपीएस अफसर हैं। वह फिलहाल बरेली में पीएसी की आठवीं बटालियन के कमांडेंट हैं।
इन पुलिस वालों पर दर्ज हुई एफआईआर 1. अंकित मित्तल, तत्कालीन पुलिस अधीक्षक, चित्रकूट 2. अमित कुमार तिवारी, सब इंस्पेक्टर, एसटीएफ लखनऊ 3. संतोष कुमार सिंह, सब इंस्पेक्टर, एसटीएफ लखनऊ 4. उमाशंकर, हेड कॉन्स्टेबल, एसटीएफ लखनऊ 5. भूपेंद्र सिंह, कॉन्स्टेबल, एसटीएफ लखनऊ 6. शिवानंद शुक्ला, कॉन्स्टेबल, एसटीएफ लखनऊ 7. श्रवण कुमार सिंह, सब इंस्पेक्टर, स्वाट टीम चित्रकूट 9. अनिल कुमार साहू, सब इंस्पेक्टर, स्वाट टीम चित्रकूट, 10. रईस खान, हेड कॉन्स्टेबल, स्वाट टीम चित्रकूट 11. धर्मेंद्र कुमार वर्मा, कॉन्स्टेबल, स्वाट टीम चित्रकूट 12. राहुल यादव, कॉन्स्टेबल, स्वाट टीम चित्रकूट 13. दीन दयाल सिंह, थानाध्यक्ष, बहिलपुरवा 14. राकेश कुशवाहा, अज्ञात