बनारस के सिविल इंजीनियर को सीबीआई ने दबोचा, लाखों रुपए से जुड़ा है मामला

Uttar Pradesh News : बनारस के सिविल इंजीनियर को सीबीआई ने दबोचा, लाखों रुपए से जुड़ा है मामला

बनारस के सिविल इंजीनियर को सीबीआई ने दबोचा, लाखों रुपए से जुड़ा है मामला

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Varanasi : बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) के वरिष्ठ सिविल इंजीनियर को घूस लेने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। शुक्रवार को वरिष्ठ सिविल इंजीनियर ओमप्रकाश सोनकर को सीबीआई ने 3 लाख रूपए घूस लेने के मामले में गिरफ्तार किया है। ओम प्रकाश सोनकर ने ठेकेदार से बिल पास कराने के लिए 3 लाख रिश्वत लिए थे। बरेका के वरिष्ठ सिविल इंजीनियर के कार्यालय और आवास पर भी सीबीआई ने छापा मारा है और कई दस्तावेजों की जांच की गई है। 

ठेकेदार ने लिखा शिकायती पत्र

सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी इंजीनियर को विशेष न्यायाधीश, सीबीआई मामले, लखनऊ की अदालत में पेश किया जाएगा। सीबीआई टीम ने बताया कि एक ठेकेदार ने इस बात की के लिए शिकायत पत्र लिखा है। पत्र में ठेकेदार ने बताया है कि बरेका के वरिष्ठ सिविल इंजीनियर ने बिल पास कराने के लिए उनसे 3 लाख रूपए घूस के तौर पर मांगा था। घुस ना देने पर बिल पास ना कराने की धमकी भी दी थी।

रंगेहाथों पकड़ा गया आरोपी

ठेकेदार द्वारा मिले इस पत्र पर पूरी तरीके से भरोसा ना करते हुए सीबीआई ने सिविल इंजीनियर के खिलाफ एक जाल बुना। सीबीआई अफसरों ने ठेकेदार के साथ मिलकर सिविल इंजीनियर को रंगे हाथों पकड़ने की प्लानिंग की। सीबीआई ने ठेकेदार को 3 लाख रुपए के साथ सिविल इंजीनियर के पास भेजा, जहां सिविल इंजीनियर ने रुपए को स्वीकार कर लिया। इसी दौरान वहां पर मौजूद सीबीआई ने रंगे हाथों सिविल इंजीनियर को अपनी गिरफ्त में ले लिया। इसके साथ ही आरोपी सिविल इंजीनियर की आवासीय परिसर की जांच की गई। ना कि सिर्फ इतना ही बल्कि आरोपी के कई फाइल और दस्तावेज की भी जांच की जा रही है। सीबीआई की टीम आरोपी से लगातार पूछताछ कर रही है। सीबीआई के छापे से अधिकारियों में डर का माहौल बना हुआ है।

ठेकेदारों से उपहार में लेते थे सोने की बिस्किट 

बताया जा रहा है कि आरोपी सिविल इंजीनियर ओम प्रकाश सोनकर पूर्व सांसद के दामाद हैं। इनकी अधिकतर नौकरी पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल में ही हुई है। आरोपी इंजीनियर ने 3 वर्ष तक गोरखपुर मंडल में भी कार्य किया है, लेकिन जैक लगाकर वापस बनारस मंडल में आ गए। एक ठेकेदार ने बताया कि नोटबंदी के समय सिविल इंजीनियर ने सभी पुराने नोटों को सोने के बिस्किट में बदला था। शहर के ठेकेदारों से उपहार के रूप में सोने की बिस्किट और महंगे मोबाइल ले जाते हैं। कई लग्जरी गाड़ियां भी रखी हैं और हाल ही में अपने घर में बड़ी एलइडी टीवी लगवाया है।

तगड़ी सेटिंग की वजह से बचते रहे आरोपी

मिली जानकारी के अनुसार आरोपी सिविल इंजीनियर के ऊपर और भी भ्रष्टाचार के आरोप पहले लग चुके हैं, लेकिन लगाई हुई सेटिंग के प्रभाव से वह हमेशा बचते आए हैं। गोरखपुर में तैनाती के दौरान उन पर कई बार भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। सीबीआई के छापे से डर कर कई कार्यालयों से फाइल और दस्तावेजों को हटाने का सिलसिला रात तक चला है।

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