Mathura : गाजियाबाद की सीबीआई टीम ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के कर्मचारी को रिश्वत लेते पकड़ लिया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के कंकाली देवी स्थित कार्यालय में रविंद्र कुमार मल्टी टास्किंग स्टाफ के पद पर कार्यरत हैं। वह पहले दिल्ली में थे, जनवरी में उनका स्थानांतरण आगरा हुआ। इसके बाद उनकी तैनाती मथुरा हो गई।
क्या है पूरा मामला
मोती मंजिल में कुछ माह पहले एक प्राचीन कोस मीनार मिली थी। इसे पुरातत्व विभाग संरक्षित कर रहा है। इसी से करीब 113 मीटर दूरी पर अमोघ आचार्य का मकान था। अमोघ अपने मकान का निर्माण करा रहे थे, इस पर रविंद्र कुमार ने उन्हें कोसी मीनार के पास मकान निर्माण करने से रोका। रविंद्र ने उनसे कहा कि यदि मकान का निर्माण चालू रखना चाहते हैं, तो पचास हजार रुपये दे दें। इसकी शिकायत उन्होंने गाजियाबाद में सीबाआई अधिकारियों से की।
मकान बनाने वालों से मांगता था रिश्वत
बुधवार को निर्धारित समय पर सीबीआई की टीम मथुरा पहुंच गई। अमोघ आचार्य ने रविंद्र को सुबह साढ़े दस बजे चंदनवन पैसे लेने के लिए बुलाया। यहां पर सीबीआई ने रुपये पर पाउडर लगाकर अमोघ को दे दिया। रविंद्र कुमार मौके पर पहुंचा तो उसे अमोघ ने रुपये दे दिए। इसी बीच सीबीआई टीम ने उसे दबोच लिया। उसे सीधे गाजियाबाद ले जाया गया है। अमोघ ने बताया कि कोस मीनार के बारे में जानकारी होने के बाद से रविंद्र किसी को भी यहां पर मकान नहीं बनाने देता था। जो कोई मकान बनाने को कोशिश करता तो रुपये की मांग करता था।