सीबीआई कराएगी डिटेक्टर और पॉलीग्राफ टेस्ट, सुसाइड नोट पर हस्ताक्षर की होगी जांच, पूरी जानकारी

महंत नरेंद्र गिरि मर्डर मिस्ट्री : सीबीआई कराएगी डिटेक्टर और पॉलीग्राफ टेस्ट, सुसाइड नोट पर हस्ताक्षर की होगी जांच, पूरी जानकारी

सीबीआई कराएगी डिटेक्टर और पॉलीग्राफ टेस्ट, सुसाइड नोट पर हस्ताक्षर की होगी जांच, पूरी जानकारी

Google Image | महंत नरेंद्र गिरि (फाइल फोटो)

Uttar Pradesh : श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के महंत और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मृत्यु के मामले में सीबीआइ आरोपी आनंद गिरि की लाई डिटेक्टर और पॉलीग्राफ टेस्ट भी करा सकती है। सूत्रों ने बताया कि इसके लिए शीघ्र ही एजेंसी कोर्ट से अनुमति ले सकती है।  सीबीआइ इस केस में पुख्ता सबूत जुटाने का पूरा प्रयास कर रही है। सूत्रों के मुताबिक सुसाइड नोट पर नरेंद्र गिरी के दस्तखत उनके बैंक खाते से किए गए दस्तखत से मैच हो रहे हैं। सुसाइड नोट पर उनके फिंगरप्रिंट भी मैच हुए हैं। महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड लेटर की फॉरेंसिक जांच जारी है हालांकि सीबीआई ने इस बारे में अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी है।

श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में पुलिस ने आनंद गिरि आद्या प्रसाद तिवारी उनके बेटे संदीप को गिरफ्तार कर अदालत के समक्ष पेश किया था। कोर्ट ने आरोपितों को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में केंद्रीय कारागार नैनी जेल भेजने का आदेश दिया था। इस मामले की जांच सीबीआई को मिलने के बाद सीबीआई ने न्यायालय से 10 दिन की कस्टडी रिमांड मांगी थी। जिसे कोर्ट ने 7 दिनों के लिए मंजूर किया था। बताया जा रहा है कि सीबीआइ अब इनकी कस्टडी रिमांड की अवधि बढ़वाने के लिए कोर्ट से अनुमति लेगी।

कॉल डिटेल खंगाल रही CBI
वहीं सीबीआइ बीते दो दिनों से श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के सेवादारों और नरेंद्र गिरि के करीबी संतों से पूछताछ कर पैसों का लेनदेन और मठ में आने जाने वालों की जानकारी ले रही है। इसके अलावा सीबीआइ टीम ने महंत नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य आनंद गिरि के कॉल डिटेल भी खंगाले हैं। सीबीआइ कुछ ऐसे नंबरों के बारे में जानकारी इकठ्ठा कर रही है जिनकी दोनों से बात हुई है। सीबीआइ टीम को महंत नरेंद्र गिरि का कुछ लोगों पर पैसा बकाया होने की भी जानकारी मिली थी। इसकी भी जांच की जा रही है।

सुसाइड नोट पर आनंद गिरि के वकील ने उठाए सवाल
महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के मामले में आरोपी महंत के शिष्य आनंद गिरि के वकील ने सुसाइड नोट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि सुसाइड नोट अखाड़ा परिषद के लेटर पैड पर लिखा गया है। ऐसे में महंत नरेंद्र गिरि के लिए लिखा-पढ़ी का काम करने वाले उनसे पहले से ही लेटर पैड पर साइन करवा लेते थे। ऐसा भी हो सकता है कि किसी ने साजिश के तहत पहले से महंत नरेंद्र गिरि के हस्ताक्षर करवा लिए हों। सीबीआइ अभी इस मामले की जांच कर रही है, जांच के बाद ही यह तय हो पाएगा कि सच क्या है।

बिल्‍डर ने लेन-देन को लेकर लड्डू माफिया से करवाई पैरवी
इस मामले में सीबीआइ के रडार पर एक बिल्डर और लड्डू माफिया भी आ गए हैं। बताया जा रहा है कि बिल्डर से जब महंत ने अपने पैसे मांगे तो वह लेटे हनुमान मंदिर के पास में लड्डू की दुकान चलाने वाले कथित लड्डू माफिया से लेन देन को लेकर पैरवी करवाया। महंत नरेंद्र गिरि को यह सब नागवार लगा और फिर उन्होंने उससे दुकान लेकर किसी और को दे दी थी। इस तरह के घटनाक्रम के बाद दोनों का संबंध आनंद गिरि से हो गया। सूत्रों का यह कहना है कि बिल्डर और लड्डू माफिया के अलावा सीबीआइ की टीम उन लोगों से भी सवाल-जवाब करेगी जिन लोगों के नाम सुसाइड नोट में आए है।

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