Tricity Today | राष्ट्रीय सुरक्षा दृष्टि पुस्तक का विमोचन किया
Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को वीर विनायक दामोदर सावरकर की 140वीं जयन्ती के अवसर पर ‘वीर सावरकर की राष्ट्रीय सुरक्षा दृष्टि’ पुस्तक का लोकार्पण किया। वीर विनायक दामोदर भारत का विभाजन को रोक सकते थे, लेकिन आजादी के बाद भी वीर सावरकर को उचित सम्मान नहीं मिला। पूर्व के समय में यदि वीर सावरकर की ‘राष्ट्र प्रथम’ की नीति को अपनाया गया होता तो देश विभाजन की त्रासदी से बच जाता।
आजादी के बाद भी वीर सावरकर को उचित सम्मान नहीं मिला
लोकार्पण कार्यक्रम के अवसर पर उन्होंने वीर सावरकर को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 20वीं सदी में वीर विनायक दामोदर सावरकर जैसा महानायक पूरी दुनिया में पैदा नहीं हुआ। आजादी के बाद भी वीर सावरकर को उचित सम्मान नहीं मिला। वीर सावरकर ने अपना पूरा जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया। उनकी दृष्टि में राष्ट्र प्रथम और सर्वोपरि था। इस दृष्टिकोण को आज हर भारतीय को अपनाने की आवश्यकता है। वीर सावरकर की दृष्टि सम्पूर्ण भारत की थी। वे कभी अपने मूल्यों, आदर्शों से डिगे नहीं। उनका एकमात्र मिशन भारत की स्वाधीनता था।
तुष्टीकरण की नीति से हार जाता था देश
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि वीर सावरकर की प्रतिभा को दबाने का प्रयास किया गया, लेकिन विचार कभी मरते नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व के समय में यदि वीर सावरकर की ‘राष्ट्र प्रथम’ की नीति को अपनाया गया होता तो देश विभाजन की त्रासदी से बच जाता और देश आतंकवाद, अलगाववाद जैसी समस्याओं से दो-चार नहीं होता। वीर सावरकर ने कहा था कि पाकिस्तान आयेगा-जायेगा, लेकिन हिन्दुस्तान हमेशा रहेगा। वहीं मोहम्मद अली जिन्ना की दृष्टि अत्यन्त संकुचित, संकीर्ण एवं देश विभाजक की थी। उन्होंने कहा कि देश अन्य सभी जगह जीत जाता था, लेकिन तुष्टीकरण की नीति से हार जाता था।
अपने नाखूनों और बर्तनों से लिखा करते थे वीर सावरकर
मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर सावरकर एक महान क्रान्तिकारी, लेखक, कवि और दार्शनिक थे। वीर सावरकर सभी गुणों से परिपूर्ण थे। इतिहास में वे पहले व्यक्ति थे, जिन्हें एक ही जीवन में दो बार आजन्म कारावास की सजा मिली थी। वीर सावरकर जेल की कालकोठरी की दीवारों में अपने नाखूनों और बर्तनों से लिखा करते थे। वीर सावरकर का राष्ट्र के प्रति जज्बा अद्वितीय था। वीर सावरकर कहते थे कि ‘मेरी लड़ाई भारत की स्वाधीनता की लड़ाई थी, जिसमें तीन चौथाई भारत मैं ले चुका हूं और एक चौथाई भारत बाकी है’। वीर सावरकर ने अपने विचारों, मूल्यों एवं अपनी राष्ट्रीयता की भावना से कभी समझौता नहीं किया। गोरक्षपीठ ने भी वीर सावरकर के राष्ट्रवाद को आगे बढ़ाने का कार्य किया।
वीर सावरकर की दिव्य दृष्टि आज भी
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वीर सावरकर की दिव्य दृष्टि, कृतियां और वक्तव्य आज भी भारत को नई दृष्टि दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में देश निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति और अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मन्दिर का निर्माण वीर सावरकर की विचार दृष्टि के अनुरूप है। आज जम्मू और कश्मीर की जनता मुख्यधारा से जुड़ रही है, विकास और प्रगति के पथ पर अग्रसर है।
देश के संसाधनों पर सबका हक
युगदृष्टा, राष्ट्रऋषि वीर सावरकर ने सनातन धर्मावलम्बियों को हिन्दू शब्द की परिभाषा से परिचित कराया। वीर सावरकर वह पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने हिन्दुत्व शब्द दिया। वीर सावरकर की हिन्दुत्व की विचारधारा के अनुसार भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए एक समान दृष्टि और व्यवहार होना चाहिए और देश के संसाधनों पर सबका हक है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार इसी विचारधारा के अनुरूप सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास को चरितार्थ कर रही है। प्रदेश में सभी पर्व और त्यौहार शान्तिपूर्वक सम्पन्न हो रहे हैं।
सावरकर के विचारों से वर्तमान में पहचान स्थापित करना चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर सावरकर के विचारों, आदर्शों और मूल्यों की प्रासंगिकता वर्तमान में पहले से और भी ज्यादा है। वीर सावरकर के दृष्टिकोण, विचारों पर विश्वविद्यालयों में शोध और पीठ स्थापित होनी चाहिए। युवाओं को सावरकर के विचारों से वर्तमान में पहचान स्थापित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में पूरा देश ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है और ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की ओर अग्रसर है।
पूरा विश्व भारत को भारतीय दृष्टि से देख रहा है
आजादी के अमृत महोत्सव का अपना महत्व है। हमें कैसा भारत चाहिए, हम किस प्रकार भारत को आगे बढ़ाना चाहते हैं। इसके लिए हम सबको मिलकर इस अमृत काल का उपयोग भारत को दुनिया की महाशक्ति बनाने में करना होगा। इस कार्य में प्रत्येक व्यक्ति को अपना-अपना योगदान करना होगा। आने वाले समय में जैसा भारत होगा वैसा ही हमारा और हमारी आने वाली पीढ़ी का भविष्य होगा। आज दुनिया में जब भी कोई संकट आता है, तो दुनिया भारत के यशस्वी नेतृत्व की ओर देख रही है। अब पूरा विश्व भारत को भारतीय दृष्टि से देख रहा है।