हाईकोर्ट के आदेश के बाद पंचायत चुनाव के दावेदारों में निराशा, बदल सकती है आरक्षण सीट

Lucknow: हाईकोर्ट के आदेश के बाद पंचायत चुनाव के दावेदारों में निराशा, बदल सकती है आरक्षण सीट

हाईकोर्ट के आदेश के बाद पंचायत चुनाव के दावेदारों में निराशा, बदल सकती है आरक्षण सीट

Tricity Today | पंचायत चुनाव

यूपी में आगामी पंचायत चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाइकोर्ट ने आदेश जारी किया है। जिसके मुताबिक़ 2015 को बेस ईयर मानकर आरक्षण लागू कर चुनाव कराया जाए।  राज्य सरकार ने इस पर अपनी सहमति भी जता दी है, जिसके बाद न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी और मनीष ठाकुर की खंडपीठ ने 25 मई तक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने के आदेश दिए हैं। 

पंचायती चुनाव के दावेदार परेशान
हाइकोर्ट के इस आदेश के बाद लोगों के मन में उथल पुथल मची हुई है। सरकारी मशीनरी से लेकर चुनाव में दावेदारी ठोक चुके लोगों से लेकर आरक्षण के बाद मायूस होने वालों को इस फैसले का बेसब्री से इंतजार था। राजनीति से जुड़े रहने वाले लोग इस मसले पर चर्चाओं में मशगूल रहे। आरक्षण सूची में मन मुताबिक, सीटों के आने के बाद चुनाव में दावेदारी ठोक चुके लोगों के चेहरों पर उदासी दिखाई पड़ रही है। पोस्टर, बैनर छपवाकर प्रचार-प्रसार में लग जाने वाले दावेदार परेशान हैं। 

हाथ आयी सीट कहीं हाथ से चली न जाये
हाईकोर्ट के आदेश के बाद पंचायती चुनाव के दावेदारों को चिंता सताने लगी है कि, कहीं आरक्षण में अब फिर हाथ आई उनकी सीट हाथ से तो नहीं निकल न जाए। ठीक उलट उन लोगों को आस बंध गई है, जिनके हाथ से सीट निकल गई थी। वह उम्मीद लगाए बैठे है कि शायद कुछ बदलाव हो जाए। सीटों के उलटफेर में मन माफिक सीट होने से चुनावी जंग में उतरने का एक मौका उन्हें भी मिल जाए।

दावेदारों का ये कहना
बहराइच के ग्राम प्रधान का कहना है की गावों में कई दिन से प्रचार में जो पैसा खर्च हो रहा था। अब उसका लाभ मिलेगा या नहीं इस पर बहुत चिंता हैं। क्यों कि अब तक लाखों रुपए और समय इसमे बीत गया है। अब एक बार फिर से हम लोगों को आरक्षण सूची का इंतजार करना होगा।

वहीं बाराबंकी जिले के रामनगर तहसील स्थित अमौली कला गांव में तो पहले वाली आरक्षण की सूची के हिसाब से प्रधानी चुनाव कैंडिडेट ने जोरों से तैयारी शुरू कर दी थी। लेकिन सोमवार को आये हाईकोर्ट के आदेश के बाद पूरे गांव में संशय की स्थिति एक बार फिर से बरकरार हो गयी है। आरक्षण सूची को लेकर गुणा भाग किया जा रहा है। हाइकोर्ट के आदेश के अनुसार 2015 को बेस मान कर आरक्षण की सूची आनी है। इसी हिसाब से एक बार फिर नए सिरे से पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू हो गयी हैं

हाईकोर्ट के आदेश से हमे कोई चिंता नहीं
बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि भाजपा कभी भी किसी जाति अथवा वर्ग को लेकर भेदभाव नहीं करती है, पहले चक्रानुक्रम के अनुसार आरक्षण व्यवस्था लागू की गई थी, लेकिन अब हाईकोर्ट के आदेश पर 2015 को आधार माना जायेगा, जिससे निश्चित तौर पर प्रभाव पड़ेगा। हमारे कार्यकर्ता हर वर्ग के हैं हम कोई दिक़्कत नहीं होगी। 

भाजपा को हर चुनाव में दिखाएंगे बाहर का रास्ता
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि हमारी पार्टी पिछड़ों और शोषित जनों की आवाज को मजबूती से उठाएगी। हम इसी रास्ते पर काम कर रहे हैं। भाजपा को हर चुनाव में बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। इसकी शुरुआत पंचायत चुनाव से होगी।

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