लाखों पाठकों के दिल में जगह बनाने वाले प्रसिद्ध साहित्यकार और उपन्यसकार सुरेंद्र मोहन पाठक और उनके बेटे सुनील पाठक कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। लेकिन हालात इतने बदतर हैं कि दोनों को नोएडा के किसी भी अस्पताल में बेड और ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है। कई बड़े पत्रकार सोशल मीडिया के जरिए उनकी मदद के लिए लोगों से अपील कर रहे हैं। लेकिन बेकाबू हो चुके वायरस की वजह से गौतमबुद्ध नगर के सभी अस्पतालों में बेड भरे हुए हैं।
300 थ्रीलर उपन्यास लिख चुके हैं
सुरेंद्र मोहन पाठक हिंदी में करीब 300 थ्रीलर उपन्यास लिख चुके हैं। सोमवार को सोशल मीडिया के माध्यम यह पता चला कि मशहूर उपन्यासकार और उनके बेटे सुनील पाठक कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। लेकिन नोएडा के सभी कोविड़ अस्पताल भरे हुए हैं। कहीं बेड खाली नहीं है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग बेड की संख्या बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। लेकिन मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या के सामने सारे इंतजाम कम पड़ रहे हैं।
सोशल मीडिया पर उठ रही आवाज
सोशल मीडिया पर कई बड़े पत्रकार सुरेंद्र मोहन पाठक और उनके बेटे के बेड दिलाने के जोरशोर से आवाज उठा रहे हैं। इसके लिए जिले के वरिष्ठ अधिकारियों समेत सभी पहचान वालों से गुहार लगाई जा रही है। लेकिन कहीं से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिल रहा है। सुरेंद्र मोहन पाठक 81 वर्ष के हैं और उनकी उम्र को देखते हुए उन्हें तुरंत अस्पताल में इलाज की जरूरत है।
रविवार को 700 मरीजों की पुष्टि हुई
बताते चलें कि रविवार को गौतमबुद्ध नगर में कोरोना वायरस के 700 नए मामले सामने आए थे। गौतमबुद्ध नगर के जिला निगरानी अधिकारी डॉक्टर सुनील दोहरे ने बताया कि रविवार को जनपद में 700 नए मरीजों की पुष्टि हुई है। हालांकि इस दौरान 147 मरीज ठीक होकर अस्पताल से घर चले गए। पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण की वजह से जनपद में 3 लोगों की मौत हो गई। इससे मृतकों की संख्या 103 हो गई। अधिकारी ने बताया कि जनपद में फिलहाल 3327 मरीजों का विभिन्न अस्पतालों और होम आइसोलेशन में इलाज चल रहा है। नए मरीजों की संख्या के साथ ही जिले में अब तक कुल मामलों की संख्या 30530 हो गई है। कुल 27100 मरीज ठीक हो कर घर पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।