Google Image | नेशनल हाईवे और जिलों के बीच की सड़क जाम
Meerut News : लखीमपुर खीरी में किसानों और भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच हुई हिंसक झड़पों में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी हैं। करीब 50 लोगों को गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है। दूसरी ओर इस मामले को लेकर वेस्ट यूपी में किसान सड़कों पर उतर आए हैं। रात में कई नेशनल हाईवे और जिलों के बीच की सड़क जाम कर दी गई हैं। किसान उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। दूसरी ओर पुलिस हालात संभालने में जुटी है। बड़ी सड़कों पर ट्रैफिक जाम लगने से हजारों लोग परेशान हैं।
बागपत के किशनपुर बराल में बड़ौत-शामली मार्ग पर बैठे किसान
लखीमपुर खीरी में हुई हिंसक झड़पों का विरोध करते हुए सबसे पहले बागपत जिले के किसान सड़कों पर उतरे। बड़ौत क्षेत्र में किशनपुर बराल गांव के पास किसानों ने नेशनल हाईवे 709-बी पर जाम लगा दिया। देर रात तक किसान नेशनल हाईवे पर जमे हुए हैं। जिसकी वजह से लंबा ट्रैफिक जाम लग गया है। सूचना मिलने पर बागपत, बड़ौत और शामली से भारी फोर्स मौके पर भेजा गया है। पुलिस अधिकारी किसानों को समझाने में जुटे हैं। दूसरी ओर किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। देर रात तक किसान नेशनल हाईवे पर बैठे हुए थे। आपको बता दें कि दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में बागपत के किसानों की सक्रिय भूमिका है। यह पूरा इलाका भारतीय किसान यूनियन और राष्ट्रीय लोकदल के प्रभाव वाला माना जाता है।
मुजफ्फरनगर-पानीपत-खटीमा मार्ग पर किसानों का कब्जा
दूसरी ओर मुजफ्फरनगर जिले में भी किसान सड़कों पर हैं। देर रात सैकड़ों किसान पीनना गांव के पास मुजफ्फरनगर-पानीपत-खटीमा राष्ट्रीय राजमार्ग पर इकट्ठे हो गए। भीड़ ने नेशनल हाईवे को जाम कर दिया है। किसान भारतीय जनता पार्टी और सरकारों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार किसानों को बर्बाद कर रही है। दूसरी ओर किसान सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं तो उन्हें निर्ममतापूर्वक मौत के घाट उतारा जा रहा है। लखीमपुर खीरी में रविवार को किसानों का नरसंहार सोची समझी साजिश के तहत किया गया है। किसानों के सड़कों पर उतरने की जानकारी मिली तो भारी फोर्स मौके पर पहुंच गया। स्थानीय प्रशासन और पुलिस के अफसर मौके पर मौजूद हैं।
बागपत में दिल्ली यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर धरना
बागपत शहर के पास किसानों ने दिल्ली-यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर कब्जा कर लिया है। किसान नेशनल हाईवे पर बैठकर धरना दे रहे हैं। लखीमपुर खीरी में हुई हिंसक घटना के खिलाफ किसानों में उबाल है। किसानों का कहना है कि जब तक केंद्रीय मंत्री के बेटे को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, तब तक नेशनल हाईवे को नहीं खोला जाएगा। किसानों ने योगी आदित्यनाथ सरकार से मांग की है कि पूरे मामले को गलत मोड़ देने की कोशिश ना की जाए। पुलिस भाजपा सरकार के दबाव में काम कर रही है। इस पूरे मामले में षड्यंत्र के तहत किसानों को ही हत्यारोपी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। अगर ऐसा किया गया तो पूरे देश में किसान सड़क पर उतर आएंगे।
पूरनपुर में किसानों ने नेशनल हाईवे पर टेंट गाड़ दिया
लखीमपुर खीरी की घटना के बाद पश्चिम उत्तर प्रदेश के अलावा बरेली के आसपास वाले पूरे तराई इलाके में आक्रोश है। किसान जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। पूरनपुर में किसानों ने नेशनल हाईवे पर टेंट काट दिया है। बड़ी संख्या में किसान टेंट लगाकर प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसकी वजह से नेशनल हाईवे पर कई किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम लगा हुआ है। किसानों का कहना है कि जब तक इस नरसंहार के लिए जिम्मेदार केंद्रीय मंत्री और उसके बेटे को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, तब तक नेशनल हाईवे पर कब्जा बरकरार रहेगा। किसानों का कहना है कि एक बड़ी साजिश के तहत भारतीय जनता पार्टी ने किसानों पर हिंसक हमला किया है। जिसमें कई किसानों की मौत हो गई है और बड़ी संख्या में घायल हैं। दूसरी ओर पुलिस किसानों को ही प्रताड़ित करने के लिए दबिश दे रही है।
मुजफ्फरनगर और अंबाला में किसानों ने कैंडल मार्च निकाला
दूसरी ओर शहरी इलाकों में भी किसानों के समर्थन में आंदोलन जोर पकड़ने लगा है। मुजफ्फरनगर में बड़ी संख्या में लोगों ने देर शाम एकत्र होकर कैंडल मार्च निकाला है। शहर के कई प्रमुख बाजारों में किसानों को समर्थन करते हुए लोगों ने मार्च किया। इस पूरे घटनाक्रम की निंदा की। मामले में न्यायिक जांच करवाने की मांग की है। दूसरी और हरियाणा के अंबाला शहर में भी लखीमपुर खीरी के नरसंहार के खिलाफ लोगों में गुस्सा देखने को मिला। देर शाम भीड़ सड़कों पर आई और हाथ में मोमबत्तियां लेकर प्रदर्शन किया। लोगों ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।