यूपी के 20 जिलों में बाढ़ का कहर, सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया दौरा और दिए ये आदेश

बड़ी खबर : यूपी के 20 जिलों में बाढ़ का कहर, सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया दौरा और दिए ये आदेश

यूपी के 20 जिलों में बाढ़ का कहर, सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया दौरा और दिए ये आदेश

Tricity Today | CM Yogi Adityanath

  • उत्तर प्रदेश के 15-20 जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिद्धार्थनगर की नौगढ़ तहसील में बाढ़ से प्रभावित गांवों का दौरा किया
  • सिद्धार्थनगर की करीब 2 लाख की आबादी बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित है
  • 400 ग्राम पंचायतों में फसलों को भी नुकसान पहुंचा है
  • सभी प्रमुख नदियां गंगा यमुना, सरयू, घाघरा, शारदा और कोसी में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर हैं
Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश के 15-20 जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) लगातार इन जनपदों का दौरा कर रहे हैं। आज उन्होंने जनपद सिद्धार्थनगर की नौगढ़ तहसील में बाढ़ से प्रभावित गांवों का दौरा करने के बाद राहत-बचाव कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने बाढ़ प्रभावित निवासियों से मुलाकात की और उन्हें हर संभव सरकारी मदद का आश्वासन दिया। सिद्धार्थनगर की करीब 2 लाख की आबादी बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित है। 400 ग्राम पंचायतों में फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। पिछले 15 दिनों से उत्तर प्रदेश और नेपाल में भी भारी बारिश के कारण पूर्वी यूपी के कई जनपदों में बाढ़ की स्थिति है। 
हालांकि जनप्रतिनिधियों के मार्गदर्शन में स्थानीय प्रशासन युद्धस्तर पर बचाव व राहत कार्य कर रहा है। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, बाढ़ से प्रभावित प्रत्येक गांव में नाव व हर पीड़ित परिवार को पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। बाढ़ चौकियों की मदद से राहत पहुंचाने व बाढ़ से बचाव करने के सभी उपाय किए जा रहे हैं। राहत-बचाव कार्यों के लिए पर्याप्त धनराशि व संसाधन प्रत्येक जनपद को उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि, इस कार्य में किसी भी प्रकार की कोई कोताही न हो। शासन की तरफ से प्रत्येक प्रभावित परिवार को 10 किग्रा चावल, आटा, आलू, 05 किग्रा लाई-चना, 02 किग्रा दाल, रिफाइंड तेल के साथ-साथ मसाला, नमक इत्यादि आवश्यक घरेलू सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। 

 4 लाख की मदद राशि मिलेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि, किसी बाढ़ पीड़ित का मकान ध्वस्त होने पर तत्काल 95,000 रुपये उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की गई है। नदी की धारा में बह गए घर के पीड़ितों को मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाएगा। इस आपदा में किसी की मृत्यु होने पर पीड़ित परिवार को 4 लाख की सहायता राशि तत्काल दी जाएगी। जलभराव के कारण सांप-बिच्छू, कुत्तों के काटने की शिकायतें आती हैं। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जनपद में पर्याप्त मात्रा में एंटी रैबीज वैक्सीन व एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन उपलब्ध रखने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर प्रत्येक पीड़ित परिवार को यह सुविधा उपलब्ध कराई जाए। साथ ही बाढ़ पीड़ितों के लिए शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जाए। कहीं बाधा आने पर क्लोरीन की टेबलेट सभी प्रभावित परिवारों को उपलब्ध कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए गए हैं।

सरकार हर कदम पर साथ है
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि आपदा की घड़ी में सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। हर प्रभावित परिवार को समय पर बाढ़ से बचाव एवं राहत मिल सके, इसके लिए शासन द्वारा जनप्रतिनिधियों के माध्यम से निगरानी की जा रही है। सभी जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रशासन के साथ मिलकर बाढ़ प्रभावितों को राहत सुविधाएं समय से उपलब्ध करायी जा रही हैं। सरकार बाढ़ पीड़ित परिवारों को संवेदनशीलता के साथ हर सम्भव मदद उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को बाढ़ से प्रभावित कृषि फसल का सर्वे करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी पीड़ित किसानों को उचित मुआवजा दिया जाएगा। समयबद्ध ढंग से सभी पीड़ित परिवारों को राहत सामग्री पहुंचे, इसके लिए सरकार द्वारा पहले से निर्देश जारी किए गए हैं। जिला प्रशासन को पर्याप्त मात्रा में संसाधन एवं धनराशि उपलब्ध करायी गई है।

ये जनपद ज्यादा प्रभावित हैं
पूर्वी उत्तर प्रदेश के इन करीब 20 जिलों में बाढ़ का कहर विकराल रूप ले चुका है। इनमें गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, सिद्धार्थ नगर, महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, गाजीपुर, बलिया, वाराणसी, मिर्जापुर, प्रयागराज, औरैया, जालौन, हमीरपुर और बांदा जनपदों में 400 से ज्यादा गांवों के लोग प्रभावित हुए हैं। इन सभी को राहत शिविर में रखा गया है। फिलहाल प्रदेश में करीब 2 लाख निवासी बारिश और बाढ़ की वजह से बेघर हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश की सभी प्रमुख नदियां गंगा यमुना, सरयू, घाघरा, शारदा और कोसी में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर हैं। नेपाल से जुड़े जनपदों में पर्वतीय तलहटी से आने वाले पानी की वजह से बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं।

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