सपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति को करारा झटका, उम्र कैद की सजा और 2 लाख का जुर्माना

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सपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति को करारा झटका, उम्र कैद की सजा और 2 लाख का जुर्माना

Google Image | पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को सामूहिक दुष्कर्म मामले में एमपी/ एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है। शुक्रवार को कोर्ट ने प्रजापति को आजीवन कारावास की सजा सुना दी है। इनके साथ आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को भी आजीवन कारावास के साथ ही 2-2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। बता दें कि चित्रकूट में महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म व उसकी बेटी के साथ रेप के प्रयास में लखनऊ के एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने इन तीनों आरोपियों को को सजा सुनाई है।

बीते बुधवार को कोर्ट ने प्रजापति समेत आशीष और अशोक को दोषी करार दिया था और सजा पर फैसला सुरक्षित रखते हुए अगली तारीख शुक्रवार की दी थी। वहीं दूसरी तरफ विकास वर्मा, रूपेश्वर, अमरेंद्र सिंह, पिंटू और चंद्रपाल को कोर्ट ने बरी कर दिया है। इससे पहले कोर्ट ने गायत्री प्रजापति समेत अन्य आरोपियों को मौखिक साक्ष्य देने का अवसर 2 नवंबर को खत्म कर दिया था। पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति की तरफ से मंगलवार को ही मामले में अर्जी लगाकर मुकदमे की तारीख आगे बढ़ाए जाने की मांग की गई थी। इसमें कहा गया था कि इस मुकदमे को किसी दूसरे राज्य में ट्रांसफर करने की मांग को लेकर उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की गई है, इसी के साथ एमपी एमएलए कोर्ट के उस आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट लखनऊ बेंच में चुनौती दी गई है जिसमें उसके बचाव के सबूत पेश करने की अर्जी को खारिज कर दिया गया था।

गवाह के सामने रखी थी शर्त
वहीं 8 नवंबर को अभियोजन की ओर से प्रार्थना पत्र देकर कोर्ट से अनुरोध किया गया था कि गवाह अंशु गौड़ ने अपने बयान में साफ कहा है कि पीड़िता को कई प्लाटों की रजिस्ट्री और भारी रकम का लालच देकर कोर्ट में सही गवाही न देने के लिए राजी किया गया था। अभियोजन ने रजिस्ट्री को साबित करने के लिए रजिस्ट्रार लखनऊ और पीड़िता की ओर से दिल्ली के कोर्ट को दिए गए कलम बंद बयान को तलब करने का आदेश देने की भी मांग की गई थी।

ये था मामला
राज्य में समाजवादी सरकार में जब गायत्री प्रजापति कैबिनेट मंत्री थे,तब चित्रकूट की एक महिला ने गायत्री प्रजापति और उनके सहयोगियों पर अपनी नाबालिग बेटे के साथ रेप का आरोप लगाया था। हालांकि उस वक्त ये मामला लखनऊ में घटित हुआ था। पुलिस ने लखनऊ में काफी प्रयासों के बाद मामला दर्ज किया था। गायत्री प्रसाद प्रजापति और उनके गुर्गों ने महिला और उसकी बेटी पर केस वापस लेने के लिए दबाव भी बनाया ,लेकिन सफल नहीं हुए।

भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने  कसा तंज
गायत्री प्रजापति की सजा पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने तंज कसते हुए कहा कि मुलायम सिंह के दुलारे गायत्री प्रजापति को अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुए बचाने की हर संभव कोशिश की थी, रेप पीड़िता को एफआईआर लिखवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ा था, लेकिन आखिरकार न्याय की जीत हुई। सपा शासनकाल के कई मंत्री आज जेल की सलाखों के पीछे हैं।

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