यूपी के राजकीय महाविद्यालयों को सरकार की सौगात, अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी

बड़ी खबर : यूपी के राजकीय महाविद्यालयों को सरकार की सौगात, अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी

यूपी के राजकीय महाविद्यालयों को सरकार की सौगात, अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी

Tricity Today | योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए 120 राजकीय महाविद्यालयों में ई-लर्निंग पार्क करेगी। इसके तहत हर महाविद्यालय को 5 कम्प्यूटर, 5 प्रिन्टर, 3 टेबल कुर्सी एवं वाई-फाई तथा इण्टरनेट के लिए धनराशि उपलब्ध करायी गयी है। राज्य सरकार पिछड़े क्षेत्र के निर्धन, वंचित छात्र-छात्राओं को शिक्षा देने के लिए आवश्यक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्पलित है। दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित होने के कारण कम्प्यूटरों का संचालन महाविद्यालयों के कार्य समय के उपरान्त रात 8 बजे तक किया जायेगा।

120 कॉलेजों को चिन्हित किया गया है
उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि प्रदेश के छात्रों के मध्य डिजिटल डिवाइड को कम करने एवं शिक्षा में तकनीकी के प्रयोग को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश के तहसील और ब्लॉक स्तर पर संचालित 120 राजकीय महाविद्यालयों को ई-लर्निंग पार्क, वाई-फाई एवं इण्टरनेट एक्सेस की सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। तहसील-ब्लॉक स्तर पर संचालित इन राजकीय महाविद्यालयों में अधिकांश छात्र ग्रामीण अंचल के पिछड़े एवं वंचित तबके के हैं। दिनेश शर्मा ने कहा कि आज हम जिधर भी देखें, इण्टरनेट की उपयोगिता एवं आवश्यकता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। उच्च शिक्षा विभाग भी इण्टरनेट के महत्व से अछूता नहीं है। 

कोरोना काल में महसूस हुई जरूरत
कोविड-19 महामारी के दौर में परीक्षा, ट्रेनिंग कार्यक्रम, दूरस्थ शिक्षा, वेबिनार, शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक सूचनाओं का आदान-प्रदान एवं ऑनलाइन क्लास से लेकर डिजिटल लाइब्रेरी के उपयोग तक सभी क्षेत्रों में इण्टरनेट की आवश्यकता और भी बढ़कर सामने आयी है। प्रदेश के अनेक राजकीय महाविद्यालय पिछड़े क्षेत्रों में हैं, जहां पर आधुनिक तकनीकी संसाधनों की अत्यन्त कमी महसूस की जाती है। प्रदेश सरकार पिछड़े क्षेत्र के निर्धन, वंचित छात्र-छात्राओं के शिक्षण कार्य से जुड़ी सभी आवश्यक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्पलित है।

शिक्षा में गैप को कम किया जाएगा
उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षण संस्थानों में ऑनलाइन पठन-पाठन का कार्य शुरू किया गया था। इस दौरान यह अनुभव किया गया कि ग्रामीण अंचल में निर्बाध इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इससे प्रदेश के ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को असुविधा का सामना करना पड़ा। इस डिजीटल डिवाइड गैप को कम करने के लिए एवं राज्य के तहसील व ब्लाक स्तर पर संचालित 120 राजकीय महाविद्यालयों के छात्रों को ध्यान में रखते हुए ई-लर्निंग पार्क, वाई-फाई, इण्टरनेट कनेक्शन एवं एक्सेस विकसित करने के लिए हर महाविद्यालय को 5 कम्प्यूटर, 5 प्रिन्टर, 3 टेबल कुर्सी एवं वाई-फाई तथा इण्टरनेट के लिए धनराशि उपलब्ध करायी गयी है। 

छात्रों का चहुंमुखी विकास होगा
इससे इन छात्रों को आधुनिक सुविधायें प्रदान कर उनका बहुमुखी विकास किया जा सकता है। इस दिशा में ई-लर्निंग पार्क की सुविधा मील का पत्थर साबित होगी। इससे न केवल शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इन दूरस्थ ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्र में विभिन्न सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी होगा। जिससे जन-जागरूकता के साथ-साथ इन सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में आसानी होगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन को सुचारू रूप से सम्पन्न किया जा सकेगा। अपर मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा विभाग मोनिका एस. गर्ग ने बताया कि सभी 120 राजकीय महाविद्यालयों के ग्रामीण अंचल एवं दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित होने के कारण कम्प्यूटरों का संचालन महाविद्यालयों के कार्य समय के उपरान्त रात 8 बजे तक किया जायेगा। कम्प्यूटरों के संचालन एवं रख-रखाव के लिए प्राचार्य द्वारा महाविद्यालय स्तर पर शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की एक कमेटी गठित की जायेगी।

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