यूपी में पूर्ण लॉकडाउन पर विचार करे सरकार, खुले मैदानों में अस्पताल बनाएं, हाईकोर्ट से आया बड़ा आदेश, पढ़िए पूरा ऑर्डर

BIG BREAKING: यूपी में पूर्ण लॉकडाउन पर विचार करे सरकार, खुले मैदानों में अस्पताल बनाएं, हाईकोर्ट से आया बड़ा आदेश, पढ़िए पूरा ऑर्डर

यूपी में पूर्ण लॉकडाउन पर विचार करे सरकार, खुले मैदानों में अस्पताल बनाएं, हाईकोर्ट से आया बड़ा आदेश, पढ़िए पूरा ऑर्डर

Tricity Today | BIG BREAKING

Coronavirus in Uttar Pradesh : इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से बड़ी जानकारी आई है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पूर्ण लॉकडाउन (Lockdown in Uttar Pradesh) लगाने पर विचार करने का निर्देश दिया है। अदालत ने प्रभावित नगरों मे राज्य सरकार को दो या तीन हफ्ते के लिए पूर्ण लॉकडाउन लगाने पर विचार करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा, सरकार ट्रैकिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट योजना में तेजी लाये। खुले मैदानों में अस्थायी अस्पताल बनाकर कोरोना पीड़ितों के इलाज की व्यवस्था करें।

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सलाह दी है कि जरूरी हो तो संविदा पर स्टाफ तैनात किये जायें। हाईकोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 19 अप्रैल मुकर्रर की है। उस दिन सचिव से हलफनामा मांगा है। कोर्ट ने कहा, सड़क पर कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के दिखायी न दे। अन्यथा कोर्ट पुलिस के खिलाफ अवमानना कार्यवाही करेगी। कोर्ट ने कहा कि सामाजिक और धार्मिक आयोजनों में 50 आदमी से अधिक न इकट्ठा हों। कोरोना मामले को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर दिया आदेश दिया है।

कोर्ट ने कहा कि नाइट कर्फ्यू या कोरोना कर्फ्यू संक्रमण फैलाव रोकने के छोटे कदम हैं। ये नाइट पार्टी, नवरात्रि या रमजान में धार्मिक भीड़ तक सीमित हैं। कोर्ट ने कहा कि नदी में जब तूफान आता है तो बांध उसे रोक नहीं पाते हैं। फिर भी हमें कोरोना संक्रमण को रोकने के प्रयास करने चाहिए। कोर्ट ने कहा दिन मे भी गैर जरूरी यातायात को नियंत्रित किया जाये। कोर्ट ने कहा कि जीवन रहेगा तो दोबारा स्वास्थ्य ले सकेंगे और अर्थ व्यवस्था भी दुरूस्त हो जायेगी। कोर्ट ने कहा कि विकास व्यक्तियों के लिए है। जब आदमी ही नहीं रहेंगे तो विकास का क्या अर्थ रह जायेगा।

अदालत ने कहा कि कोरोना से अत्यधिक प्रभावित शहरो में लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर शामिल हैं। कोर्ट ने कहा कि संक्रमण फैले एक साल बीत चुका है, लेकिन इलाज की सुविधाओं को बढ़ाया नहीं जा सका है। कोर्ट ने राज्य सरकार की 11अप्रैल की गाइडलाइंस पर सभी जिला प्रशासन को कड़ाई से अमल में लाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने 19 अप्रैल को डीएम व सीएमओ प्रयागराज को कोर्ट में हाजिर रहने का निर्देश दिया है। कैन्टोनमेन्ट जोन को अपडेट करने तथा रैपिड फोर्स को चौकन्ना रहने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा हर 48 घंटे में जोन का सेनेटाइजेशन किया जाये। 

यूपी बोर्ड की आनलाइन परीक्षा दे रहे छात्रों की जांच करने पर बल दिया जाये। कोर्ट ने एसपीजीआई लखनऊ की तरह स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में कोरोना आईसीयू बढ़ने और सुविधाए उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने राज्य और केन्द्र सरकार को ऐन्टी वायरल दवाओं का उत्पाद व आपूर्ति बढ़ाने का निर्देश दिया है। जरुरी दवाओं की जमाखोरी करने या ब्लैक मार्केटिंग करने वालों पर सख्ती करने का भी निर्देश दिया है। जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजित कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई की और सरकार को यह आदेश दिए हैं।

आपको बता दें कि मंगलवार को पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में 18,021 संक्रमण के नए मामले दर्ज किए गए हैं। 85 लोगों की मौत हो गई हैं। अब तक 95,980 लोग राज्य के अस्पतालों में भर्ती किए जा चुके हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान लखनऊ में सबसे ज्यादा 5,382 मरीज आए हैं। 18 लोगों की मौत हुई है। प्रयागराज में 1,856 नए मरीज रिपोर्ट किए गए हैं। आठ लोगों की मौत हो गई। कानपुर नगर में 1,271 नए मामले सामने आए हैं और 10 मरीजों की मौत हो गई है। वाराणसी में 1,404 नए मरीज दर्ज किए गए हैं और 3 लोगों की मौत हुई है। गौतमबुद्ध नगर में 229 नए मरीज आए हैं और 4 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा मेरठ, मुरादाबाद, आगरा, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बलिया, अयोध्या, बाराबंकी, मथुरा, शाहजहांपुर, रायबरेली, हरदोई, प्रतापगढ़, रामपुर, चंदौली, सोनभद्र, सुल्तानपुर, गोंडा, उन्नाव, भदोही, संत कबीर नगर, संभल, चित्रकूट कानपुर देहात और अंबेडकरनगर में मरीजों की मौत हुई हैं।

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