Barabanki : महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल आज दोपहर बाद बाराबंकी जिले के हिंद मेडिकल कॉलेज पहुंची। राज्यपाल यहां कॉलेज ऑडीटोरियम में मुस्कान संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पहुंचकर करीब एक घंटा रुकी। कार्यक्रम में राज्यपाल ने परिषदीय स्कूलों में स्मार्ट क्लास बनाने के लिए अपने हाथ से उपकरणों का वितरण किया। इस दौरान महामहिम राज्यपाल ने राजभवन के मद से कारागार में रहने वाले बंदियों व वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्गों की सुख-सुविधा के सामान भी वितरित किए।
मातृभाषा की पढ़ाई जरूरी : राज्यपाल
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि अगस्त महीने में जिस तरह हमारे प्रधानमंत्री ने कोरोना की वैक्सीन बनवाई और हमारे डॉक्टरों ने बनाई। आज पूरा विश्व हमारी वैक्सीन का प्रयोग कर रहा है। उन्होंने मातृभाषा को लेकर कहा कि अंग्रेजी के विरोध में नहीं हूं। गुजराती मीडियम या हिंदी मीडियम में पढ़ने वाले हमारे बच्चे दुनिया में जाकर पढ़ते हैं और अच्छा पढ़ते हैं। इसलिए मातृभाषा की पढ़ाई जरूरी है।राज्यपाल कार्यक्रम के दौरान यहां करीब एक घंटा रुकी। उसके बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सड़क मार्ग से होते हुए लखनऊ के लिए रवाना हो गई। राज्यपाल के आगमन को लेकर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे।
स्कूलों में स्मार्ट क्लास
सोमवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल राजभवन से ऑडीटोरियम में मुस्कान संस्था द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम में पहुंची थी। एक घंटे के आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने परिषदीय स्कूलों में स्मार्ट क्लास बनाने के लिए उपकरण का वितरण किया। इतना ही नहीं राजभवन के मद से कारागार में रहने वाले बंदियों व वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्गों की सुख-सुविधा के उन्होंने अपने हाथों से सामान भी वितरित किया।
विश्व हमारी वैक्सीन का प्रयोग कर रहा है : पटेल
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि अगस्त महीने में जिस तरह हमारे प्रधानमंत्री ने कोरोना की वैक्सीन बनवाई और हमारे डॉक्टरों ने बनाई। आज पूरा विश्व हमारी वैक्सीन का प्रयोग कर रहा है। उन्होंने मातृभाषा को लेकर कहा कि हम अंग्रेजी के विरोध में नहीं हूं। गुजराती मीडियम या हिंदी मीडियम में पढ़ने वाले हमारे बच्चे दुनिया में जाकर पढ़ते हैं और अच्छा पढ़ते हैं। इसलिए मातृभाषा की पढ़ाई जरूरी है।कार्यक्रम के बाद राज्यपाल शाम 5:30 बजे सड़क मार्ग से ही लखनऊ के लिए रवाना हो गई। उनकी सुरक्षा में एक एएसपी, चार सीओ, 25 इंस्पेक्टर, 50 सबइंस्पेक्टर, सवा सौ सिपाही, फायर व ट्रैफिक के जवानों की ड्यूटी लगाई गई थी।