वेस्ट यूपी के इन 9 जिलों में 748 बच्चों को महामारी ने अनाथ बनाया, आज सुप्रीम कोर्ट इनका भविष्य तय करेगा

दुःखद : वेस्ट यूपी के इन 9 जिलों में 748 बच्चों को महामारी ने अनाथ बनाया, आज सुप्रीम कोर्ट इनका भविष्य तय करेगा

वेस्ट यूपी के इन 9 जिलों में 748 बच्चों को महामारी ने अनाथ बनाया, आज सुप्रीम कोर्ट इनका भविष्य तय करेगा

Tricity Today | सुप्रीम कोर्ट इनका भविष्य तय करेगा

Coronavirus Cases in UP : कोरोना महामारी ने हजारों परिवारों को तबाह कर दिया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western Uttar Pradesh) के भी हजारों घर बर्बाद हो गए हैं। अकेले सहारनपुर जिले में 349 और मुजफ्फरनगर में 142 बच्चे अनाथ हुए हैं। मतलब, इनके माता-पिता को महामारी लील गई है। मेरठ और सहारनपुर मंडल में कुल मिलाकर 748 बच्चे अनाथ हो गए हैं। सबसे कम केवल तीन बच्चे शामली जिले में हैं। दोनों मंडलों ने रिपोर्ट बनाकर उत्तर प्रदेश सरकार (UP Govt) को भेज दी हैं। अब इन बच्चों के भविष्य का ख्याल उत्तर प्रदेश सरकार रखेगी। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) में रिपोर्ट दाखिल कर दी है। जिसकी सुनवाई सोमवार यानी आज होगी और अदालत इनका भविष्य तय करेगी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार बच्चों को लेगी गोद
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बीते मार्च महीने में आदेश दिया था कि कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को गोद लेने के लिए सरकार आगे आए। इस पर सरकार ने कदम बढ़ाया। सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी कि ऐसे कितने बच्चे हैं। अब रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। सभी जिलों ने अपनी-अपनी रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार को भेज दी हैं। रिपोर्ट के अनुसार 680 बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने कोरोना काल के दौरान किसी ने पिता तो किसी ने माता खो दिए हैं। इनके अलावा 68 बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता-पिता दोनों की ही कोरोना काल के दौरान मौत हो गई हैं।

अनाथ बच्चों तक पहुंचे जाएगी जरूरी मदद
मेरठ के कार्यक्रम अधिकारी शत्रुघ्न कनौजिया ने बताया कि इनमें से अधिकतर बच्चों को उनके रिश्तेदारों के घर छोड़ा गया है। जहां उनकी देखभाल की जा रही है। प्रशासन ने रिश्तेदारों से मुलाकात की और बच्चों के लिए जरूरी सामान देने की तैयारी की है। अनाथ बच्चों के लिए आटा, दाल, तेल, चीनी और अन्य घरेलू सामान तैयार किया जा रहा है। जिससे उनके रिश्तेदारों पर ज्यादा भार ना पड़े।

2 हजार बच्चे अनाथ हुए, 748 का डाटा तैयार
उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ.विशेष गुप्ता का कहना है कि कोरोना वायरस के कारन फैली इस महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी संस्थाओं को दी जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार की निगरानी में बच्चों की देखभाल होगी। इसके लिए 'लीगल फ्रेम वर्क' तैयार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के समय मार्च 2020 से लेकर मई 2021 तक करीब 2,000 बच्चे अनाथ हो गए हैं। इनका डाटा तैयार किया जा रहा है। अभी तक 748 अनाथ बच्चों का डाटा तैयार किया गया है। जिसकी रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार को भेज दी गई। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया सरकार बना रही है।

सामाजिक संस्थाएं सरकार की निगरानी में लेंगी गोद
डॉ.विशेष गुप्ता ने बताया कि कुछ बच्चों के लिए सामाजिक संस्थाएं आगे आई हैं। सामाजिक संस्थाएं बच्चों को गोद लेने चाहती हैं। सामाजिक संस्थाओं की उत्तर प्रदेश सरकार पूरी मदद करेगी। सरकार की निगरानी में बच्चों को सामाजिक संस्थाएं गोद लेंगी। जिनकी पढ़ाई-लिखाई और रहन-सहन का पूरा खर्चा सामाजिक संस्था सरकार की निगरानी में उठाएगी।

वेस्ट यूपी के 9 जिलों में अनाथ हुए बच्चे

मेरठ में 65
गौतमबुद्ध नगर में 40
बुलंदशहर में 11
गाजियाबाद में 75
बागपत में 19
हापुड़ में 44
सहारनपुर में 349
मुजफ्फरनगर में 142
शामली में 3

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