उत्तर प्रदेश की चित्रकूट जिला जेल में शुक्रवार को हुए शूटआउट पर योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार की देर रात को बड़ा एक्शन लिया है। योगी आदित्यनाथ के आदेश पर चित्रकूट जिला जेल के जेलर महेंद्र पाल और जेल अधीक्षक एसपी त्रिपाठी को सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले को योगी आदित्यनाथ ने काफी गंभीरता से लेते हुए चित्रकूट पुलिस ने 6 घंटों के भीतर पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी थी। जिसके बाद एक एक्शन लिया गया है।
शुक्रवार की दोपहर को बदमाश अंशु दीक्षित ने अपराधी मेराजुद्दीन और मुकीम उर्फ काला की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद पुलिस ने अंशु दीक्षित को एनकाउंटर के दौरान ढ़ेर कर दिया था। इस पूरे शूटआउट के बाद चित्रकूट जेल के अधिकारियों पर सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होने लगे। मामला हाईलाइट होने के कारण योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की थी।
चित्रकूट जेल में शूटआउट होने के बाद योगी आदित्यनाथ ने आदेशों पर पूरे मामले की जांच और स्थिति को देखने के लिए प्रभारी उप-महानिरीक्षक कारागार प्रयागराज रेंज पीएन पांडे चित्रकूट जेल में पहुंचे थे। योगी आदित्यनाथ ने जैसे ही पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की। तुरंत ही मुख्यमंत्री ने चित्रकूट जेल के जेलर महेंद्र पाल और जेल अधीक्षक एसपी त्रिपाठी को सस्पेंड कर दिया। यह आदेश अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने जारी किया है।
अभी तक की जांच में पता चला है कि जेल में ही निरुद्ध अंशुल दीक्षित को पिस्टल मिली थी। जिसके बाद उसने मेराजुद्दीन उर्फ मेराज अली और मुकीम उर्फ काला पर गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। मुकीम काला पश्चिम यूपी का बड़ा बदमाश बताया जा रहा है। मुकीम काला मुख्तार अंसारी का करीबी व्यक्ति था। मेराज अली और मुकीम की हत्या के बाद पुलिस ने अंशुल दीक्षित को ढ़ेर कर दिया था।
तीन अन्य कैदियों पर किया हमला
पता चला है कि अंशु दीक्षित ने मुकीम, मेराज के अलावा तीन अन्य कैदियों पर भी हमला किया था। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्ट नहीं हो पाई है। मौके पर पुलिस बलों की भारी तैनाती है। चित्रकूट के जिलाधिकारी और एसपी भी जेल पहुंचे हैं। जेल को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। पुलिस की तरफ से अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है कि आखिर अंशु दीक्षित के पास जेल के अंदर अवैध हथियार कैसे पहुंचा?
मुकीम को मारने की सुपारी ली थी
अंशु दीक्षित वेस्ट यूपी का कुख्यात अपराधी है। पता चला है कि उसने मुकीम काला को मारने की सुपारी ली थी। मगर मुकीम चित्रकूट जेल में बंद था। इसी लिए अंशु ने सेटिंग से चित्रकूट जेल में अपना ट्रांसफर करवाया था। मगर बड़ा सवाल यह है कि उसे जेल के अंदर हथियार किसने पहुंचाया? आखिर जेल प्रशासन को इसकी भनक कैसे नहीं लगी?
लखनऊ यूनिवर्सिटी से बदली संगति
अंशु दीक्षित यूपी के सीतापुर जिले के मानकपुर कुड़रा बनी का मूल निवासी था। लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्र के रूप दाखिला लेने के बाद वह अपराधियों के संपर्क में आया। इसके बाद उसने कभी पीछे मुड़ के नहीं देखा। साल 2008 में उसे पुलिस ने गोपालगंज (बिहार) के भोरे में अवैध हथियारों के जखीरे के साथ पकड़ा था। साल 2019 दिसंबर में अंशु दीक्षित का सुल्तानपुर जेल का एक वीडियो वायरल हुआ था।