धनंजय सिंह को अपहरण मामले में 7 साल की कैद और डेढ लाख का जुर्माना, अब नहीं लड़ सकते सांसद का चुनाव

कोर्ट ने बाहुबली के अरमानों पर फेरा पानी : धनंजय सिंह को अपहरण मामले में 7 साल की कैद और डेढ लाख का जुर्माना, अब नहीं लड़ सकते सांसद का चुनाव

धनंजय सिंह को अपहरण मामले में 7 साल की कैद और डेढ लाख का जुर्माना, अब नहीं लड़ सकते सांसद का चुनाव

Tricity Today | धनंजय सिंह को कोर्ट ने 7 साल की सजा और डेढ लाख रुपये का  जुर्माना लगाया है।

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के जौनपुर से बड़ी खबर सामने आ रही है। बाहुबली सांसद धनंजय सिंह को कोर्ट ने 7 साल की सजा और डेढ लाख रुपये का  जुर्माना लगाया है। एक मैनेजर के अपहरण और फिर उसके रंगदारी मांगने के मामले में यह सुनवाई हुई। बाहुबली धनंजय सिंह इस बार लोकसभा चुनाव 2024 लड़ने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन उसके सपनों पर कोर्ट ने पानी फेर दिया।

10 में 2020 को हुआ था अपहरण
अपहरण का मामला 10 में 2020 का है। मुजफ्फरनगर के निवासी अभिनव सिंघल के अपहरण मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उसके साथी विक्रम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। मुकदमा दर्ज करवाते हुए बताया गया था कि दोनों आरोपी पचहटिया स्थित साइड पर पहुंचे। वहां फॉर्च्यूनर गाड़ी में अभिनव सिंघल का अपहरण किया गया और फिर उसको मोहल्ला कालीकुत्ती में ले गए।  

आरोपियों के चंगुल से भागकर पहुंचा थाने
शिकायत के मुताबिक वहां पर धनंजय सिंह ने पिस्टल के बल पर अभिनव सिंघल को धमकाया। पिस्टल के बल पर फर्म को कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव डालने लगे, लेकिन जब अभिनव सिंघल ने इंकार कर दिया तो उससे रंगदारी मांगी। पीड़ित अभिनव सिंघल किसी तरीके से आरोपियों के चंगुल से निकलकर भागा।

पुलिस ने धनंजय सिंह को दूसरे दिन अरेस्ट किया
इस मामले के बाद पुलिस ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह को उनके आवास से गिरफ्तार करके कोर्ट में दूसरे दिन पेश किया था। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। यहां की अदालत से जमानत निरस्त हुई। बाद में उच्च न्यायालय से जमानत मिली। धनंजय ने उस समय जेल जाते समय आरोप लगाया था कि राज्यमंत्री और पुलिस अधीक्षक ने षड्यंत्र कर उन्हें फंसाया था। पत्रावली सुनवाई के लिए एमपी एमएलए कोर्ट भेजी गई। वहां सुनवाई चल रही थी।

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