आतंकियों से लोहा लेते समय सिर में लगी गोली, इलाज के दौरान हुए शहीद, कल पैतृक आवास पहुंचेगा पार्थिव शरीर

मेरठ की शान मयंक : आतंकियों से लोहा लेते समय सिर में लगी गोली, इलाज के दौरान हुए शहीद, कल पैतृक आवास पहुंचेगा पार्थिव शरीर

आतंकियों से लोहा लेते समय सिर में लगी गोली, इलाज के दौरान हुए शहीद, कल पैतृक आवास पहुंचेगा पार्थिव शरीर

Tricity Today | मेजर मयंक विश्नोई

  • - मेरठ के मेजर मयंक विश्नोई शहीद हुए
  • - 27 अगस्त को आतंकियों ने सिर में मारी थी गोली
  • - 16 दिनों बाद तोड़ा दम
  • - 30 साल की उम्र में हुए शहीद
मेरठ की शान मेजर मयंक विश्नोई जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गए। रविवार को उनका पार्थिव शरीर मेरठ के कंकरखेड़ा क्षेत्र के शिवलोकपुरी में अपने आवास पर पहुंचेगा। उनके शहीद के बाद पूरे मेरठ इलाके में दुख का माहौल है। कुल 30 साल की उम्र में मयंक विश्नोई आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए। 

कुल 30 साल की उम्र में हुआ शहीद
मेजर मयंक विश्नोई आईएमए देहरादून से साल 2010 में पास आउट हुए थे। मयंक अभी सिर्फ 30 साल के ही थे। उन्होंने छोटी सी उम्र में ही देश के नाम अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। बीते 27 अगस्त 2021 जम्मू कश्मीर के शोपियां में आतंकवादियों ने अटैक कर दिया। जिसमें आतंकियों की गोली मयंक विश्नोई के सिर पर गोली लगी थी, गंभीर हालत में मयंक को उधमपुर मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। 16 दिनों से लगातार उनका इलाज किया जा रहा था। आज मयंक जिंदगी और मौत से लड़ते हुए शहीद हो गए है। 

बचपन से ही सेना में जाने का जूनून सवार
मेजर मयंक के मामा ने बताया कि मयंक का बचपन से ही जुनून था कि उसे सेना में जाना है और देश की सेवा करनी है। मगर यह नहीं पता था कि 30 साल की उम्र में ही देश की खातिर शहीद हो जाएगा। इस घटना के बाद पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। रविवार की सुबह मेजर मयंक विश्नोई का शव शिवलोकपुरी स्थित घर पहुंचेगा, जहां से सैन्य सम्मान के साथ शहीद मेजर मयंक की अंतिम विदाई होगी।

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