Tricity Today | पीएम मोदी के सामने जेपी नड्डा ने पूरी की अंतिम इच्छा
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का पार्थिव शरीर विधानमंडल के बाद अब लखनऊ में स्थित भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में पहुंच गया है। भाजपा कार्यालय में हजारों नेता और कार्यकर्ता कल्याण सिंह को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए इकट्ठे हो रहे हैं। मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद हैं।
भाजपा के झंडे में लिपटाया गया पार्थिव शरीर
जेपी नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर पर भाजपा का झंडा रखा है। बताया जाता है कि यह बाबूजी की अंतिम इच्छा थी कि उनके निधन के बाद उनके शव को भाजपा के झंडे में लिपटाया जाए। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती भी कल्याण सिंह के लखनऊ स्थित आवास पर उनको श्रद्धांजलि देने पहुंची।
यह नेता आ सकते हैं
इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती, भाजपा नेता विनय कटियार, जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी पूर्व सीएम कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन के लिए आज लखनऊ आ सकते हैं। इस बीच, चर्चा ये भी है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी पूर्व सीएम को श्रद्धांजलि देने के लिए आ सकते हैं। हालांकि, अभी उनके कार्यक्रम की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
सोमवार को अलीगढ़ में होगा अंतिम संस्कार
कल्याण सिंह का निधन देर रात को हुआ था। कल्याण सिंह का पार्थिव शरीर रविवार सुबह 9 से 11 बजे तक लखनऊ स्थित उनके आवास पर रहा। 11 बजे से 1 बजे तक विधानमंडल में और अब दोपहर 1 से 3 बजे तक पार्टी कार्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। आज शाम को ही बाबू जी का पार्थिव शरीर एयर एंबुलेंस से अलीगढ़ ले जाया जाएगा। रात भर पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। 23 अगस्त यानी सोमवार सुबह 10 बजे अंतिम संस्कार होगा।
अलीगढ़ में हुआ था जन्म
कल्याण सिंह का जन्म 6 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री तेजपाल लोधी और माता का नाम श्रीमती सीता देवी था! कल्याण सिंह के 2 बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और कई बार अतरौली के विधानसभा सदश्य के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके थे, और साथ ही साथ ये उत्तर प्रदेश में लोक सभा सांसद और राजस्थान तथा हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके थे। पहली बार कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री वर्ष 1991 में बने और दूसरी बार यह वर्ष 1997 में मुख्यमंत्री बने थे। ये प्रदेश के प्रमुख राजनैतिक चेहरों में एक इसलिए माने जाते हैं, क्यूंकि इनके पहले मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान ही बाबरी मस्जिद की घटना घटी थी।
पहली बार 1967 में की जीत का परचम लहराया
कल्याण सिंह ने पहली बार अतरौली विधान सभा इलाके से 1967 में चुनाव जीता और लगातार 1980 तक विधायक रहे।1980 के विधानसभा चुनाव में कल्याण सिंह को कांग्रेस के टिकट पर अनवर खां ने पहली बार पराजित किया।लेकिन भाजपा की टिकट पर कल्याण सिंह ने 1985 के विधानसभा चुनाव में फिर कामयाबी हासिल की। तब से लेकर 2004 के विधानसभा चुनाव तक कल्याण सिंह अतरौली से विधायक रहे।