कल्याण सिंह ने प्रयागराज को राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की दी सौगात, अब यादों में

श्रद्धांजलि : कल्याण सिंह ने प्रयागराज को राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की दी सौगात, अब यादों में

कल्याण सिंह ने प्रयागराज को राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की दी सौगात, अब यादों में

Tricity Today | कल्याण सिंह

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह के निधन से प्रयागराज में शोक की लहर दौड़ गई। प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए प्रयागराज को उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की सौगात दी थी। यह मुक्त विश्वविद्यालय 24 मार्च 1999 को मूर्त रूप लिया। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए उन्होंने निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों को खोलने की अनुमति दी थी। अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के महानायक रहे पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने मंदिर के लिए अपनी सरकार तक कुर्बान कर दी।

कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री रहने के दोनों कार्यकाल में उच्च शिक्षा मंत्री रहे डॉक्टर नरेंद्र सिंह गौर ने बताया कि मुक्त विश्वविद्यालय के लिए उन्होंने व्यक्तिगत रूप से उनसे गुजारिश की थी। उसी समय यह भी निश्चित किया गया कि यह विश्वविद्यालय हिंदी के लिए समर्पित राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन के नाम पर होगा। इसका कारण यह है कि हिंदी और हिंदी के साधकों को सम्मान देना चाहते थे। डॉ गौर ने कहा कि उन्होंने माध्यमिक शिक्षा को सुधारने के लिए नकल रोकने संबंधी अध्यादेश पारित किया। इससे शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार भी हुआ था। पूर्व मुख्यमंत्री कहते थे कि शिक्षा में राजनीति नहीं होनी चाहिए। 1998-99 में उत्तर प्रदेश में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में सीटों की संख्या सीमित हुआ करती थी। इसलिए उनके कार्यकाल में निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों को खोलने की अनुमति दी गई। ताकि प्रदेश के विद्यार्थियों को अभियांत्रिकी की पढ़ाई के लिए बाहर दूसरे प्रदेशों में न जाना पड़े। 

पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ नरेन्द्र सिंह गौर बताते हैं कि उनके दूसरे कार्यकाल में 21 फरवरी 1998 को यूपी के तत्कालीन राज्यपाल रोमेश भंडारी ने रातों-रात कल्याण सिंह की सरकार को बर्खास्त कर दिया। इसके बाद जगदंबिका पाल को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी दिला दी। अचानक हुए इस घटनाक्रम के बाद कल्याण सिंह के कहने पर मैंने एडवोकेट जनरल से सलाह ली और तुरंत हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने लखनऊ से सभी जरूरी कागजात उपलब्ध कराए। उसी का परिणाम यह हुआ कि हाईकोर्ट के आदेश पर कल्याण सिंह को पुनः मुख्यमंत्री के पद की शपथ दिलाई गई। उसके बाद उन्होंने विश्वास मत भी प्राप्त किया।

अयोध्या में श्री राम मंदिर को लेकर 1992 में जब कारसेवा हो रही थी तो उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया था की कारसेवकों पर गोली नहीं चलेगी। लेकिन बिना बल प्रयोग के यदि रोक सके तो रोक लें। कल्याण सिंह का प्रयागराज से काफी गहरा नाता रहा है। उन्होंने बालसन चौराहे के पास स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का भी अनावरण किया था। वह संगठन के कार्यकर्ताओं को पूरा सम्मान देते थे। एक-एक कार्यकर्ता को पहचानते और उसका हाल भी पूछते थे। वर्ष 2014 में अशोक सिंघल के आग्रह पर फूलपुर संसदीय सीट से प्रत्याशी केशव प्रसाद मौर्या के लिए चुनाव प्रचार करने के लिए आखिरी बार प्रयागराज आगमन हुआ था।

श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के नहीं रहने पर गहरा दुःख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह मील का पत्थर हो गए। राम मंदिर का कायाकल्प करने का विचार उनके दिल हमेशा रहा। मंदिर निर्माण के लिए यह उनके अदम्य साहस का ही परिणाम है।

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