Kanpur News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) मंगलवार को कानपुर दौरे पर पहुंचे। इस दौरान मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने 11,000 करोड़ रुपए लागत की कानपुर मेट्रो रेल (Kanpur Metro Rail) परियोजना का शुभारंभ किया। दोनों नेताओं ने हरी झण्डी दिखाकर कानपुर मेट्रो रेल को रवाना किया। दोनों नेता कानपुर मेट्रो रेल से यात्रा करने वाले पहले यात्री बने। पीएम ने कानपुर मेट्रो रेल से आईआईटी मेट्रो स्टेशन से गीतानगर मेट्रो स्टेशन तक सफर किया।
10 रुपए और अधिकतम 30 रुपए होगा किराया
कानपुर मेट्रो का न्यूनतम किराया 10 रुपए और अधिकतम 30 रुपए होगा। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने 2 साल में कानपुर मेट्रो का रूट किलोमीटर ट्रैक तैयार किया है। कानपुर आईआईटी से मोतीझील तक 9 किलोमीटर के इस सफर में 9 स्टेशन हैं। वैसे तो कानपुर में मेट्रो रेल परियोजना की पूरी लंबाई 32 किलोमीटर है। जिसमें 11 हजार करो रुपए से अधिक की लागत आएगी। कानपुर मेट्रो का काम काफी तेजी से चल रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले यह मेट्रो जनता के लिए समर्पित करने का ऐलान किया था, जिसको योगी आदित्यनाथ ने पूरा कर लिया है।
स्वतंत्रता सेनानियों क्रांतिवीरों की प्रेरणा स्थली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान कहा कि ऋषि-मुनियों की तपस्थली, स्वतंत्रता सेनानियों क्रांतिवीरों की प्रेरणा स्थली, आजाद भारत के औद्योगिक सामर्थ्य को ऊर्जा देने वाले कानपुर को नमन करता हूं। पंडित दीन दयाल उपाध्याय, सुन्दर सिंह भण्डारी, श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जैसे विज़नरी नेतृत्व को गढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। कानपुर के लोगों के मिजाज, कनपुरिया अन्दाज, उनकी हाजिर जवाबी की तुलना नहीं की जा सकती।
लोगों में उमंग और उत्साह
उन्होंने प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि कानपुर में मेट्रो रेल परियोजना का शुभारम्भ हो गया है। साथ ही, बीना रिफाइनरी से कानपुर जुड़ गया है। इससे कानपुर के साथ ही उत्तर प्रदेश के अनेक जिलों में पेट्रोलियम पदार्थ आसानी से सुलभ होंगे। उन्होंने कहा कि कानपुर वासियों के पहली बार मेट्रो रेल में सफर के उमंग और उत्साह से परिचित होने के लिए उन्होंने कानपुर मेट्रो रेल में सफर किया। यह उनके लिए यादगार लम्हा रहा।
सरकार भरपाई करने में जुटी
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पहले सरकार चलाने वालों ने समय की गति नहीं समझी। 21वीं सदी में जिस तरह तेज प्रगति करने की जरूरत थी, उस अमूल्य समय को गवां दिया गया। क्योंकि विकास उनकी प्राथमिकता नहीं थी, उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए प्रतिबद्धता नहीं थी। आज की डबल इंजन की सरकार उस समय के हुए नुकसान की भरपाई करने में जुटी है, डबल स्पीड के साथ कार्य कर रही है। उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे, सबसे पहला रीजनल रैपिड रेल सिस्टम, डेडिकेट फ्रेट कॉरिडोर का हब बनने वाला है।
शिकायतें दूर होने की शुरुआत हुई
प्रधानमंत्री ने संबोधन में बोला, कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के 09 किलोमीटर के प्राथमिक सेक्शन के शुरु होने से यह शिकायतें दूर होने की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि कोरोना की चुनौतियों के बावजूद कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के प्राथमिक सेक्शन का शुरु होना सराहनीय है। आजादी के बाद यह सोच थी कि जो कुछ नया, अच्छा होगा, देश के दो-तीन बड़े शहरों में होगा। बड़े शहरों के अलावा अन्य शहरों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया। पहले की सरकार इन शहरों की ताकत और आकांक्षाओं को समझ ही नहीं पायी। आगरा और मेरठ शहरों पर मेट्रो का कार्य चल रहा है, अन्य शहरों में प्रस्तावित है। लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा में जिस तरह मेट्रो का विस्तार हो रहा है।
कानपुर नगर को दोहरा उपहार : सीएम
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री मां गंगा के तट पर स्थित कानपुर नगर को दोहरा उपहार, कानपुर में यातायात की अत्याधुनिक सुविधा मेट्रो रेल तथा बीना-पनकी मल्टी प्रोडक्ट पाइप लाइन प्रदान करने के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि माँ गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए ‘नमामि गंगे’ परियोजना का सबसे क्रिटिकल प्वाइंट कानपुर का सीसामऊ नाला था। 02 वर्ष पूर्व ‘नमामि गंगे’ परियोजना के माध्यम से प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता से इस क्रिटिकल प्वाइंट को निर्मलता की ओर अग्रसर करके कानपुर और सनातन धर्म के गौरव को पुनर्स्थापित करने का कार्य सम्पन्न हुआ।
2 वर्ष 2 माह में पूरा
योगी ने कहा, कानपुर मेट्रो रेल परियोजना का कार्य 12 नवम्बर 2019 को प्रारम्भ किया गया था। इसे 2 वर्ष 2 माह में पूरा होना था। लेकिन इसके भौतिक कार्य को 02 वर्ष से भी 02 दिन पहले 10 नवम्बर, 2021 को पूर्ण कर लिया गया। आवश्यक क्लीयरेंस में लगे समय के बाद प्रधानमंत्री द्वारा इसका शुभारम्भ हो रहा है। कानपुर मेट्रो रेल के प्रारम्भ हो जाने के साथ ही उत्तर प्रदेश सर्वाधिक मेट्रो रेल वाला राज्य बन गया है। यहां 05 शहरों में मेट्रो रेल सेवा संचालित है।