कौन जीतेगा यूपी! हम पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 14 ज़िलों की 70 विधानसभा सीटों में वोटरों से यह सवाल कर रहे हैं। आज सहारनपुर जिले में रामपुर मनिहारान विधानसभा क्षेत्र के लोगों से यह सवाल लेकर रूबरू होंगे। वर्ष 2008 के परिसीमन में यह सीट अस्तित्व में आई और अनुसूचित जातियों के लिए इसे आरक्षित रखा गया है। अब तक दो बार वर्ष 2012 और 2017 में यहां चुनाव हो चुका है। पहले चुनाव में यहां बहुजन समाज पार्टी में कामयाबी हासिल की थी और पिछले चुनाव यानी 2017 में यहां से भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की। मतलब, साफ है कि यह सीट भारतीय जनता पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी से छीनी है।
गुर्जर, सैनी, दलित और अल्पसंख्यक मतदाता निर्णायक
इस विधानसभा क्षेत्र में गुर्जर, सैनी, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के मतदाता निर्णायक हैं। सीट पर ब्राह्मण, वैश्य, राजपूत और अन्य पिछड़ा वर्ग की कई दूसरी जातियों के वोटर भी हैं, लेकिन इनकी संख्या निर्णायक स्थिति में नहीं है। पिछले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को सैनी, गुर्जर, ब्राह्मण, वैश्य और राजपूत के अलावा बड़ी संख्या में दलितों ने भी मतदान किया था। जिसकी बदौलत कम्युनल पोलराइजेशन के बावजूद इस सीट पर भाजपा को कामयाबी मिली थी।
महज 516 वोटों से भाजपा ने पिछली बार जीत हासिल की
2017 के चुनाव में वोटरों की संख्या 2,97,983 थी। इनमें से 2,18,927 यानी 73.47% वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। इनमें से भाजपा के प्रत्याशी और मौजूदा विधायक देवेंद्र कुमार निम को 76,465 वोट मिले थे। सिटिंग एमएलए और बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी रविंद्र कुमार मोल्लू महज 516 वोटों से हारे थे। कांग्रेस के उम्मीदवार विष्णु दयाल छोटन 61,787 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे थे।
बसपा पड़ रही कमजोर, सपा को लेकर अल्पसंख्यक मतदाता एकजुट
अब अगर आने वाले चुनाव की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी मौजूदा विधायक देवेंद्र कुमार निम को ही अपना उम्मीदवार बनाएगी। दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी भी एक बार फिर पूर्व विधायक रविंद्र कुमार मोल्लू को मैदान में उतारेगी। इस बार अल्पसंख्यक वोटरों का झुकाव पूरी तरह समाजवादी पार्टी की ओर नजर आ रहा है। लिहाजा, सपा यहां से कोई नया चेहरा मैदान में उतार सकती है। सपा का टिकट हासिल करने के लिए कई लोग दौड़ में शामिल हैं। भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के अलावा बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस भी संघर्ष में बने रहने का प्रयास करेंगी। हालांकि, सीट पर सीधा मुकाबला भाजपा और सपा के बीच ही होने की संभावना है। आम आदमी पार्टी, एआईएमआईएम और आजाद समाज पार्टी को लेकर मतदाताओं में अभी भरोसा नजर नहीं आ रहा है। अल्पसंख्यक मतदाता पूरी तरह समाजवादी पार्टी को लेकर फोकस हैं। दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी कमजोर पड़ रही है।
सम्राट मिहिर भोज प्रकरण से गुर्जर बिरादरी में गहरा रोष
गौतमबुद्ध नगर के दादरी कस्बे में सम्राट मिहिरभोज की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में हुई अव्यवस्था को लेकर सहारनपुर के गुर्जरों में भारी रोष है। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रामपुर मनिहारान विधानसभा क्षेत्र समेत पूरे जिले में गुर्जर बाहुल्यता वाले गांवों के बाहर बोर्ड लगा दिए गए हैं। जिन पर सम्राट मिहिरभोज को गुर्जर सम्राट मिहिरभोज लिखा गया है। गुर्जर मतदाताओं ने साफतौर पर कहा है कि जिस तरह से दादरी में सम्राट मिहिरभोज के नाम के साथ छेड़छाड़ की गई, उससे समाज की छवि को धूमिल करने की कोशिश की गई है। इसके लिए भारतीय जनता पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। आपको बता दें कि रामपुर मनिहारान सीट पर गुर्जर बिरादरी के मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं।
विकास योजनाएं और अच्छी कानून-व्यवस्था जीत का आधार बनेगी : देवेन्द्र निम
दूसरी ओर रामपुर मनिहारान के विधायक देवेंद्र सिंह निम का कहना है कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में रिकॉर्ड विकास योजनाएं पूरी की गई हैं। खासतौर से सड़कों का जाल पूरे इलाके में तैयार हो गया है। जिससे पूरे इलाके की कनेक्टिविटी शानदार हो गई है। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब रामपुर मनिहारान से दिल्ली की दूरी बमुश्किल 3 घंटे की रह गई है। इससे आम आदमी को बड़ा लाभ मिला है। दूसरी ओर राज्य सरकार ने कानून-व्यवस्था को मजबूत किया है। आम आदमी खुद को सुरक्षित महसूस कर रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी सोच की बदौलत एक बार फिर इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी बड़ी जीत हासिल करने वाली है।