कांठ में भाजपा की डगर कठिन, विधायक से अपने नाराज और मुसलमान लामबंद, VIDEO

कौन जीतेगा यूपी : कांठ में भाजपा की डगर कठिन, विधायक से अपने नाराज और मुसलमान लामबंद, VIDEO

कांठ में भाजपा की डगर कठिन, विधायक से अपने नाराज और मुसलमान लामबंद, VIDEO

Tricity Today | मुरादाबाद में ग्राउंड रिपोर्टिंग

कौन जीतेगा यूपी! सहारनपुर मंडल की यात्रा पूरी करने के बाद अब हमारा अगला पड़ाव मुरादाबाद मंडल है। आज से हम मुरादाबाद, संभल, रामपुर, और अमरोहा जिलों में विधानसभा क्षेत्रवार दौरा करेंगे। आपको बता दें मुरादाबाद जिले में 6 विधानसभा सीट कांठ, ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद रूरल, मुरादाबाद सिटी, कुंदरकी और बिलारी हैं। इनमें से 2 विधानसभा क्षेत्रों कांठ और ठाकुरद्वारा में भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं। बाकी चारों सीट समाजवादी पार्टी के कब्जे में हैं।



इस सिलसिले की शुरुआत कांठ विधानसभा सीट से करेंगे। अगर पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो इस इलाके में मतदाताओं की संख्या 3,55,629 थी। इनमें से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार राजेश कुमार सिंह को 76,307 वोट मिले थे। जबकि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी और मौजूदा विधायक अनीसुर्रहमान को 73,959 वोट मिले थे। कुल मिलाकर भाजपा को बमुश्किल 2,000 वोटों से यहां जीत मिली। यह साइट पूरी तरह मुस्लिम मतदाताओं की डोमिनेंसी वाली है, लेकिन अल्पसंख्यक वोटों में बड़ा बिखराव देखने के लिए मिला था। 

अनीसुर्रहमान 2012 में पीस पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते थे, लेकिन उन्होंने पाला बदलकर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था। बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी मोहम्मद नसीर को भी 43,820 वोट मिले थे। यहां असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के उम्मीदवार फ़िज़ाउल्ला चौधरी को 22,908 और पीस पार्टी के मोहम्मद उस्मान अली को 13,931 वोट मिले थे। राष्ट्रीय लोकदल ने भी मुसलमान प्रत्याशी आफाक अली खान को मैदान में उतारा था और उन्हें 3,458 वोट मिले थे। चार मुसलमान उम्मीदवार निर्दलीय भी थे। इन सबने मिलकर 4,000 से ज्यादा वोट हासिल किए थे। कुल मिलाकर अल्पसंख्यक वोटरों के बिखराव ने भाजपा को जीत दिलाई।

अब अगर आने वाले विधानसभा चुनाव की बात करें तो इस सीट पर अल्पसंख्यक, दलित, सैनी, गुर्जर और जाट मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। सबसे बड़ी संख्या मुसलमान वोटरों की है, जो करीब 50% के आसपास है। इस बार अल्पसंख्यक वोटर पूरी तरह समाजवादी पार्टी के साथ खड़े हैं। मौजूदा विधायक से गुर्जर और सैनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस और पीस पार्टी लड़ाई से बाहर हैं। बिहार चुनाव के बाद मुस्लिम वोटर एआईएमआईएम पर भी भरोसा करने को तैयार नहीं हैं। कुल मिलाकर आने वाले विधानसभा चुनाव में इस सीट पर समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला देखने के लिए मिलेगा।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.