Prayagraj : हापुड़ में वकीलों पर हुई लाठीचार्ज का इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर व न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने सोमवार को ही अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से घटना की पूरी जानकारी मांगी है। इसके बाद सुनवाई होगी।
तीन दिन कामकाज ठप
हापुड़ में अधिवक्ताओं पर पुलिस लाठीचार्ज का विरोध तेज हो गया है। यूपी बार काउंसिल के आह्वान पर प्रदेशभर के वकीलों ने सोमवार से तीन दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी है। हड़ताल को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन व नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल बार एसोसिएशन सहित वकीलों के हर संगठन ने समर्थन दिया है। इसके चलते समस्त अदालतों का काम ठप हो गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के बाहर वकीलों ने मांग के समर्थन में प्रदर्शन किया। सोमवार को प्रदेश के समस्त जिला, तहसील, मुंसिफ के अधिवक्ता धरना प्रदर्शन करके जिलाधिकारी और एसडीएम को ज्ञापन सौंपें। वहीं, मंगलवार को अधिवक्ता मुख्य सचिव व डीजीपी का पुतला कचहरी परिसर में फूंकेंगे। हड़ताल बुधवार को भी जारी रहेगी। उस दिन शाम को वर्चुअल बैठक करके आगे की रणनीति तय की जाएगी। बार काउंसिल की ओर से हापुड़ के जिलाधिकारी, एसपी का स्थानांतरण, दोषी पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने, वकीलों के खिलाफ दर्ज झूठे मुकदमे को वापस करने की मांग की गई है।
क्या है पूरा मामला
पिछले माह हापुड़ में एक महिला वकील अपने पिता के साथ कार से गाजियाबाद की तरफ जा रही थी। जैसे ही वह तहसील चौपले के पास पहुंची, पीछे से बाइक पर आ रहे सिपाही की बाइक नियंत्रित होकर कार से टकरा गई। इसी बात को लेकर महिला अधिवक्ता और सिपाही के बीच काफी विवाद हो गया था। मामले में थोड़ी देर बाद पहुंची पुलिस ने वकील और उसके पिता को लेकर थाने पहुंची। वहां सिपाही ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। इस मामले में हापुड़ बार एसोसिएशन ने मंगलवार को पुलिस पर फर्जी रिपोर्ट दर्ज करने का आरोप लगाते हुए तहसील चौराहे पर जाम लगा दिया। इसके बाद पुलिस ने वकीलों पर लाठी चार्ज कर जाम को खुलवाया। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।