विगत 30 अप्रैल को प्रदेश में सर्वाधिक 3 लाख 10 हजार 783 एक्टिव केस थे
अब प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या दो लाख से कम होकर 1,93,815 रह गई है
बीते 14 दिनों में सक्रिय मामलों की संख्या में लगभग 1 लाख 17 हजार की कमी आई है
विगत 24 घंटों में प्रदेश में 2,63,118 टेस्ट किए गए हैं। इसमें 1,21,000 आरटीपीसीआर टेस्ट शामिल हैं
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर में लगातार आ रही कमी और निरन्तर सुधर रही रिकवरी दर पर संतुष्टि जताई है। हालांकि उन्होंने ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट के फॉर्मूले के तहत कोविड-19 के खिलाफ जंग को प्रभावी ढंग से जारी रखने के आदेश दिया है। शुक्रवार को वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। कोरोना की रोकथाम के लिए गठित टीम-9 के सदस्यों ने अवगत कराया कि अब प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या दो लाख से कम होकर 1,93,815 रह गई है। विगत 30 अप्रैल को प्रदेश में सर्वाधिक 3 लाख 10 हजार 783 एक्टिव केस थे। मगर बीते 14 दिनों में सक्रिय मामलों की संख्या में लगभग 1 लाख 17 हजार की कमी आई है।
टेस्टिंग से टूटेगी कोरोना वायरस की चेन
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने में टेस्टिंग सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पूरी सक्रियता से टेस्टिंग को जारी रखने का आदेश दिया। साथ ही प्रयोगशालाओं की टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि की कार्यवाही में तेजी लाने को कहा। विगत 24 घंटों में प्रदेश में 2,63,118 टेस्ट किए गए हैं। इसमें 1,21,000 आरटीपीसीआर टेस्ट शामिल हैं। आज यूपी में कोरोना संक्रमण के 15,747 नए मामले मिले हैं। जबकि बीते 24 घंटों में 26,179 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं। यूपी में गांवों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से वर्तमान में वृहद जांच अभियान संचालित किया जा रहा है। इस अभियान के सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा नीति आयोग ने भी प्रदेश सरकार के इस अभियान की सराहना की है। उन्होंने कहा इसी तरह इस अभियान को संचालित करने का आदेश दिया। योगी ने कहा कि प्रत्येक लक्षण युक्त तथा संदिग्ध नागरिक की एंटीजन जांच की जाए। इस कार्य को तेजी से सम्पन्न करने के लिए आरआरटी की संख्या बढ़ाई जाए।
निगरानी समितियों के कार्यों की समीक्षा की जाए
निगरानी समितियां गांवों में घर-घर भ्रमण कर लोगों की स्क्रीनिंग का कार्य कर रही हैं। यह समितियां होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों तथा संदिग्ध लक्षण युक्त लोगों को आवश्यकतानुसार मेडिकल किट वितरित करती हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल किट वितरण की व्यवस्था की सतत निगरानी की जाए। निगरानी समितियां जिन्हें मेडिकल किट दे रही हैं, उनका नाम और फोन नम्बर इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) को उपलब्ध कराएं। आईसीसीसी इसका सत्यापन करे। इसके अतिरिक्त, जिलाधिकारी के माध्यम से इस विवरण की एक कॉरी स्थानीय सांसद तथा विधायक को उपलब्ध कराया जाए। ताकि यह जनप्रतिनिधिगण मेडिकल किट प्राप्त कर स्वास्थ्य लाभ कर रहे लोगों से संवाद कर सकें। इससे व्यवस्था का क्रॉस वेरिफिकेशन भी हो सकेगा।
टीकाकरण अभियान जारी रहे
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में कोविड वैक्सीनशन अभियान सुचारु ढंग से संचालित किया जा रहा है। वर्तमान में 18 जनपदों में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग का टीकाकरण किया जा रहा है। इसके अगले चरण में आगामी सोमवार से प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों पर भी इस आयु वर्ग का टीकाकरण प्रारम्भ किया जाए। उन्होंने टीकाकरण की कार्यवाही में कोविड प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन किये जाने पर बल दिया। सभी जनपदों में कोविड बेड की संख्या बढ़ाने की कार्यवाही तेज करने का आदेश दिया। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा मंत्री से इस कार्य की दैनिक समीक्षा करने को कहा। इस वर्ष मार्च से अब तक स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में 18,000 और चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 11,226 बेड बढ़ाये हैं।
ऑनलाइन ऑक्सीजन ट्रैकिंग प्रणाली को मिली सराहना
मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग ने उत्तर प्रदेश में लागू की गई ऑनलाइन ऑक्सीजन ट्रैकिंग प्रणाली की सराहना की है। सभी जनपदों में ऑक्सीजन की अनवरत उपलब्धता बनाए रखने के प्रभावी प्रयास जारी रखे जाएं। होम आइसोलेशन में उपचाराधीन मरीजों को ऑक्सीजन आपूर्ति की व्यवस्था को और बेहतर किया जाए। चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार जिस भी मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत हो, उसे ऑक्सीजन जरूर उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने सभी जनपदों को उपलब्ध कराए गए वेंटीलेटर तथा ऑक्सीजन कंसेंट्रटर को क्रियाशील रखने का आदेश दिया। उन्होंने ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन और फॉगिंग अभियान पूरी सक्रियता से संचालित करने को कहा है। अभियान में किये गए कार्यों का दैनिक विवरण स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी उपलब्ध कराया जाता है। ताकि वे भी इस संबंध में आमजन से फीडबैक हासिल कर सकें।
लोगों को शव नदी में फेंकने से रोकें अफसर
आदित्यनाथ ने कहा कि स्वच्छता एवं स्वच्छ पर्यावरण के महत्व के संबंध में लोगों को सतत जागरूक किया जाए। नदियों को स्वच्छ और निर्मल रखना सभी का दायित्व है। किसी भी मृतक के अंतिम संस्कार के लिए शव को जल में प्रवाहित करना पर्यावरण के अनुकूल नहीं है। इस संबंध में धर्मगुरुओं से संवाद स्थापित करते हुए लोगों को जागरूक करने में उनका सहयोग प्राप्त किया जाए। एसडीआरएफ तथा पीएसी की जल पुलिस नाव से सभी नदियों में सतत पेट्रोलिंग करती रहें। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी दशा में शवों को जल में प्रवाहित न किया जाए। संबंधित ग्राम पंचायतों तथा शहरी निकायों के पदाधिकारियों द्वारा लोगों को बताया जाए कि वे किसी स्थानीय परंपरा के तहत शव का जल प्रवाह न करें। इस संबंध में गृह विभाग, नगर विकास विभाग, ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज विभाग मिलकर कार्ययोजना बना कर ऐसी परंपराओं पर प्रभावी रोक लगाएं।