थानों में मची लूट, अगर दलित की एफआईआर नहीं हुई दर्ज तो इस्तीफा दे दूंगा

भाजपा मंत्री दिनेश खटीक बोले- थानों में मची लूट, अगर दलित की एफआईआर नहीं हुई दर्ज तो इस्तीफा दे दूंगा

थानों में मची लूट, अगर दलित की एफआईआर नहीं हुई दर्ज तो इस्तीफा दे दूंगा

Google Image | मंत्री दिनेश खटीक

Meerut/Uttar Pradesh News : प्रदेश के जलशक्ति राज्यमंत्री और हस्तिनापुर विधायक दिग्गज नेता दिनेश खटीक ने मेरठ पुलिस की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि मेरठ के थानों में लूट हो रही है। पीड़ितों की सुनवाई नहीं हो रही। हत्या जैसे गंभीर मुकदमे फर्जी बताया जा रहा हैं और गोहत्या हो रही है। खटीक ने कहा कि दलितों और भाजपा कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मंत्री का थाने जाना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन जरूरत पड़ी तो कार्यकर्ताओं के लिए थाने में धरना देने से भी पीछे नहीं हटेंगे। 

कार और बाइक टक्कर के बाद घटित हुआ यह मामला
गंगा नगर थाना क्षेत्र के रेबी कॉलोनी निवासी कोमल शादी समारोह में टेंट और डेकोरेशन लगाने का काम करता है। 4 जून को कोमल मवाना रोड पर रजपुरा स्थित ईस्ट डिफेंस कॉलोनी में टेंट लगाकर बाइक से लौट रहा था। वहीं, ईस्ट डिफेंस कॉलोनी में रहने वाले सिपाही विकास अपने साथी आकाश के कार में आ रहे थे। इस हादसे में कार और बाइक की टक्कर हो गई। उसके बाद दोनों में कहासुनी और हाथापाई हो गई।

कोमल ने 112 नंबर पर पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंच गई। कोमल का आरोप है कि मुझे गालियां दी और जाति सूचक शब्द कहे। 5 जून को कोमल अपने साथियों के साथ थाने पहुंचा और दोनों पुलिसकर्मियों ने मारपीट की। उनका आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उनका मोबाइल और 4,000 रुपए लूटे। इस मामले में पीड़ित ने थाने में मुकदमा दर्ज करवाने की मांग की। उसके बाद  9 जून को दोनों पक्षों को गंगानगर थाने में बुलाया गया।

राज्यमंत्री रात में थाने पहुंचे
मंत्री दिनेश खटीक की गुरुवार की देर रात को गंगानगर थाने पहुंचे और वहां पर पुलिसकर्मियों के साथ कहासुनी हो गई। पीड़ित पक्ष के साथ थाने पहुंचे मंत्री ने इंस्पेक्टर को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि अभी तक लूट का मुकदमा क्यों नहीं दर्ज हुआ। इस पर इंस्पेक्टर ने कहा कि यह लूट का मामला नहीं है। मुकदमा दर्ज नहीं होने पर मंत्री ने इस्तीफा देने की बात कही। इस पर इंस्पेक्टर और अन्य पुलिसकर्मियों ने उच्च अधिकारियों को बताया। करीब 15 मिनट तक मंत्री की पुलिस से बहस हुई। बाद में मंत्री अन्य लोगों को थाने में बैठा छोड़कर डीएम आवास पहुंचे।

रात में डीएम के आवास पर पहुंचे मंत्री
रात में साढ़े 11 बजे मंत्री दिनेश खटीक पीड़ित कोमल को लेकर डीएम के आवास पर पहुंचे और डीएम दीपक मीणा को पूरे मामले की जानकारी दी। एसएसपी प्रभाकर चौधरी भी रात में डीएम आवास पहुंचे। जहां डीएम और एसएसपी ने मंत्री को आश्वासन दिया कि शुक्रवार को दोनों पक्ष बुलाए गए हैं जो भी घटना हुई है, उसी के आधार पर कार्रवाई होगी।

पीड़ित के खिलाफ ही करवाया मुकदमा दर्ज
शुक्रवार को पीड़ित कोमल के खिलाफ पुलिस ने मारपीट और लूट के मामले में रिपोर्ट दर्ज की गई। इस पर जवाब में खटीक ने कहा यह अनुसूचित जाति का उत्पीड़न है। वर्ष 2014, 2017, 2019 और 2022 में इन्हीं कार्यकर्ताओं ने सरकार बनवाई, लेकिन उन्हीं कार्यकर्ताओं पर अगर उत्पीड़न होगा तो हम सहन नहीं करेंगे। इसके अलावा मंत्री दिनेश खटीक ने आरोप लगाया कि मेरठ पुलिस अपराध को कम दर्शाने के इरादे से मुकदमे नहीं लिख रही है। अनुसूचित जाति के लोगों और कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न होने पर और कहीं भी धरना देना होगा तो वह पीछे नहीं हटेंगे और जरूरत पड़ने पर इस्तीफा भी दे देंगे।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.