उत्तर प्रदेश सरकार इस बार पेपर रहित बजट सत्र आहूत करेगी। इस संबंध में विधानसभा और विधान परिषद के सभी सदस्यों को टेबलेट खरीदने के लिए कहा गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी संसद में पहली बार पेपरलेस बजट पेश किया था। इसी सिलसिले में अब उत्तर प्रदेश सरकार आगे बढ़ रही है। इसके लिए जोरशोर से तैयारियां की जा रही हैं। सभी माननीय, महकमों और बाबूओं को ऑनलाइन काम करने की ट्रेनिंग दी जा रही है।
सूबे के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने इस बारे में मीडिया से बात की। उन्होंने बताया कि, “राज्य के सभी विधायकों और विधान परिषद सदस्यों को आईपैड मिलेंगे। हर आईपैड की कीमत करीब 50 हजार रूपये होगी। सदन के सभी सदस्य स्वयं आईपैड खरीद सकते हैं। सरकार उन्हें इसका भुगतान कर देगी। राज्य सरकार के मंत्रियों ने इस संबंध में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया था। बजट सत्र से पहले विधायकों तथा विधान परिषद सदस्यों को इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने की थी पहल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में 2 फरवरी को निर्देश जारी किया था। उन्होंने कहा था कि राज्य मंत्रिमंडल अगली बार एक ऑनलाइन बैठक आयोजित करेगा, जिसके लिए मंत्रियों को उचित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। योगी ने कहा था, "आधुनिक तकनीक विभिन्न कार्यों को जल्दी और पारदर्शी तरीके से करने में बेहद मददगार है।" योगी ने विधान मंडल सत्र से पहले सभी सदस्यों (विधायकों) को भी टेबलेट उपलब्ध कराये जाने को कहा था।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन होगा
मुख्यमंत्री ने सभी सदस्यों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजन का निर्देश दिया था। ताकि वे इनका अच्छी तरह इस्तेमाल कर सकें। योगी ने कहा था कि मंत्री परिषद की आगामी बैठक को ई-कैबिनेट माध्यम से सम्पन्न कराने के लिए मंत्रियों को गहन प्रशिक्षण मुहैया कराया जाए। ई-कैबिनेट व्यवस्था लागू हो जाने से मंत्री परिषद की कार्यवाही 'कागज रहित हो जाएगी। इससे ई-गवर्नेन्स और ई-ऑफिस की व्यवस्था और प्रभावी हो सकेगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के सचिव आलोक कुमार ने ई-कैबिनेट व्यवस्था के संबंध में एक प्रस्तुतिकरण दिया।