Prayagraj News : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से बड़ी खबर है। माफिया गैंगस्टर अतीक अहमद को एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है। उसे उमेश पाल अपहरण कांड में दोषी ठहराया गया है। हालांकि, अतीक अहमद के छोटे भाई अशरफ को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया है। अब से करीब एक घंटे बाद यानी 2:30 बजे अतीक अहमद को प्रयागराज की एमपी-एमएलए को सजा सुनाएगी।
प्रयागराज MP/MLA कोर्ट के अंदर अतीक अहमद के पहुंचने के बाद अधिवक्ताओं ने अतीक के खिलाफ की नारेबाजी की और फांसी की सजा की मांग की। #AtiqAshrafpic.twitter.com/ZKe6gXcgPq
कोर्ट परिसर में लगे नारे, अतीक को फांसी दो
जब अदालत में सुनवाई चल रही थी और अदालत फैसला सुना रही थी, तभी भीड़ ने अतीक अहमद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। भीड़ में खासतौर से वकील शामिल रहे। लोगों ने 'अतीक अहमद को फांसी दो, फांसी दो' और 'अतीक अहमद मुर्दाबाद'जैसे नारे लगाए हैं। आपको बता दें कि प्रयागराज के उमेश पाल अपहरण कांड में अतीक अहमद समेत 11 लोगों को पुलिस ने चार्जशीट किया था। इस मामले में कोर्ट ने 10 लोगों को दोषी करार दिया है। जिसमें अतीक अहमद भी शामिल है। उसके भाई को सबूतों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है। अब दोपहर बाद 2:30 बजे अदालत सजा का ऐलान करेगी।
माफिया अतीक अहमद पर दर्ज हैं 102 मुकदमे
माफिया अतीक अहमद पर करीब 102 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से 57 केस में उत्तर प्रदेश की अलग-अलग अदालतों में ट्रायल चल रहे हैं। गैंगस्टर माफिया अतीक अहमद के खौफ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आज तक एकमात्र उमेश पाल किडनैप केस ऐसा है, जिसमें अतीक को दोषी ठहराया गया है। बाकी ज्यादातर मामलों में गवाह मुकर गए। गवाहों को मार दिया गया या फिर ज्यादातर अदालतों में बयान देने नहीं आए हैं।
इन धाराओं में अतीक और उसके गुर्गे दोषी ठहराए गए
उमेश पाल अपहरण कांड में प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने अतीक अहमद, दिनेश पासी और खान सौलत हनीफ समेत 10 आरोपियों को दोष सिद्ध घोषित किया है। सौलत हनीफ को अन्य धाराओं के साथ आईपीसी की धारा 364 दोषी करार दिया गया है। अतीक अहमद व दिनेश पासी को आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 341, 342, 364-अ और 120-बी में दोष सिद्ध किया गया है। सज़ा पर फैसला आज ही 2:30 बजे होगा। जानकारों का कहना है कि जिन धाराओं में अतीक अहमद और उसके गुर्गो को दोषी करार दिया गया है इनमें आजीवन कारावास और फांसी की सजा तक का प्रावधान है। सजा पर अभियोजन और बचाव पक्ष के बीच बहस हो चुकी है। अब केवल अदालत को सजा का ऐलान करना बाकी है।