Google Image | मायावती ने पंचायत चुनाव के दौरान संक्रमित कर्मचारियों की मौत पर जताया दुःख
बसपा सुप्रीमो एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शुक्रवार को ट्वीटर एकाउंट के माध्यम से ट्वीट करते हुए राज्य सरकार से मांग की है, कि उन सभी सरकारी कर्मियों के आश्रितों को नौकरी एवं आर्थिक मदद मुहैया कराए जिनकी पंचायत चुनाव में तैनाती के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण मौत हो गई। मायावती ने उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते यदि उत्तर प्रदेश सरकार पंचायत चुनाव टाल देती, य थोड़ा आगे बढ़ा देती, तो यह उचित होता और चुनाव ड्यूटी में लगे कई कर्मचारियों की मौत नहीं होती। इन कर्मियों की मौत होना अत्यंत दुःखद है।
मायावती ने राज्य सरकार से उन सभी सरकारी कर्मियों के आश्रितों को नौकरी एवं आर्थिक मदद मुहैया कराए जाने की मांग की है जिनकी पंचायत चुनाव में तैनाती के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण मौत हो गई। इसके साथ ही उन्होंने कहा, अब कोरोना वायरस प्रकोप के गांव-देहात में भी काफी ज्यादा फैलने की आशंका है। ऐसी स्थिति में बसपा की सलाह है कि उत्तर प्रदेश सरकार शहरों के साथ-साथ देहात में भी कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाए।
प्राथमिक शिक्षक संघ ने पेस किया 706 कर्मचारियों के मौत आंकड़ा
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ का कहना है कि मौत के मुंह में समाने वाले अधिकतर शिक्षक पंचायत चुनाव ड्यूटी के बाद संक्रमित हुए। तो वहीं संघ की ओर से सोमवार को कोरोना के शिकार हुए 706 शिक्षकों के नाम का हवाला दिया है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र भेजा है। इस पत्र में लखनऊ मंडल में ही 115 की मौत होने की बात कही गई है।