मेरठ में अंगीठी जलाकर सो रहा था परिवार, सुबह पति-पत्नी और मासूम बच्ची का शव मिला

अलविदा 2022 के साथ पूरे परिवार ने छोड़ी दुनिया : मेरठ में अंगीठी जलाकर सो रहा था परिवार, सुबह पति-पत्नी और मासूम बच्ची का शव मिला

मेरठ में अंगीठी जलाकर सो रहा था परिवार, सुबह पति-पत्नी और मासूम बच्ची का शव मिला

Google Image | मेरठ में अंगीठी जलाकर सो रहा था परिवार, सुबह पति-पत्नी और मासूम बच्ची का शव मिला

Meerut : ठण्ड का कहर अब लोगों को सता रहा है। बढ़ती ठंड के कारण लोग आग जलाकर और कंबल ओढ़कर सर्दी से बचने की कोशिश कर रहे है। वहीं, उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक दर्दनाक मामला सामने आया है। जिसमें एक परिवार को सर्दी से बचने के लिए अंगीठी जलाना भारी पड़ गया। परिवार ने ठंड के चलते रात को अपने कमरे में अंगीठी जलाकर रख दी थी। घटना के दौरान पूरा परिवार अंगीठी जलाकर सो रहा था। परिवार में दंपती और उनकी 4 साल की बच्ची सो रही थी।  

कैसे हुई घटना 
मेरठ के टोपी नगर थाना क्षेत्र में नेपाल का रहने वाला चंदर आलोक बंसल के घर नौकर का काम करता था। चंदर नेपाल के चाऊमाला जिले के कैलाली का रहने वाला था। बताया जा रहा है कि पति चंदर, पत्नी राधा और चार साल की अंजलि आलोक बंसल के घर की तीसरी मंजिल पर बने एक कमरे में रहते थे। 

दंपति ने रात में ही दम तोड़ा तो बच्ची की उपचार दौरान मौत 
आलोक बंसल ने बताया कि चंदर कमरे में अंगुठी जलाकर अपने परिवार के साथ सो गया था। 1 जनवरी को जब लगभग 4 बजे तक कोई कमरे से बाहर नहीं आया तो आलोक उन्हें देखने के लिए कमरे में चला गया, तब उन्हें पता चला की कमरा अंदर से बंद है। शक होने पर उन्होंने कमरे को किसी तरह खोला तो उन्हें देख आलोक के होश उड़ गए। कमरे में चंदर उसकी पत्नी और बेटी पड़े हुए थे। जब उन्हें चेक किया तो पति और पत्नी ने तो दम तोड़ दिया था, लेकिन मासूम बच्ची बेहोश थी। वहां मौजूद लोगों द्वारा बच्ची को मौके पर नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।

शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा
आलोक बंसल ने बताया कि चंदर उनके यहां पांच-छह साल से नौकर का काम कर रहा था। 31 तारीख को रात में बोर्न फायर के बाद चंदर बची हुई लकड़ियों को अपने कमरे में ले गया था। रात में लकड़ियों को जलाकर वो सो गए थे, लेकिन अंगीठी जलने से पूरे परिवार की दर्दनाक मौत हो गई। टोपी नगर थाना पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है। 

बंद कमरे में अंगीठी क्यों नहीं जलानी चाहिए 
आप सर्दियों में अंगीठी या कोयला जलाते हैं, तो सावधान रहें, क्योंकि यह हर किसी के लिए खतरनाक है। अंगीठी में इस्तेमाल होने वाले कोयले या लकड़ी के जलने से कार्बन मोनोऑक्साइड के अलावा कई जहरीली गैसें निकलती हैं, जिससे जान जा सकती है। डॉक्टरों के अनुसार कोयला बंद कमरे में जल रहा हो तो इससे कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड बढ़ जाता है और ऑक्सिजन का लेवल कम हो जाता है। यह कार्बन सीधे ब्रेन पर असर डालता है और सांस के जरिए पूरे शरीर में फैल जाता है। ब्रेन पर असर होने के कारण कमरे में सोया इंसान बेहोश हो जाता है। अंगीठी जलाते समय कमरे को पूरी तरह से बंद नहीं करना चाहिए। इससे धीरे-धीरे कमरे का ऑक्सीजन लेवल खत्म हो जाता है और कार्बन मोनोऑक्साइड सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंच कर खून में मिल जाती है। इस वजह से खून में हीमोग्लोबिन का लेवल घट जाता है और अंत में इंसान की मौत हो जाती है।

रिपोर्टर : ज्योति कार्की

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