Shootout in Chitrakoot Jail : चित्रकूट जेल में हुई गैंगवार में मारे गए कुख्यात बदमाश मुकीम काला को रविवार की दोपहर सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है। उसका शव शामली जिले में पैतृक गांव नहीं लाया गया। हरियाणा में उसके मामा के गांव में उसे दफन किया गया है। बड़ी कम संख्या में परिवार के लोग और कुछ रिश्तेदार फातिहा और जनाजे में शरीक हुए हैं। इस दौरान चित्रकूट और हरियाणा पुलिस मौके पर मौजूद रही।
चित्रकूट जिला कारागार में शुक्रवार की दोपहर को हुए शुटआउट ने पूरे जिले की पुलिस और प्रशासन को हिलाकर रख दिया है। अंशु दीक्षित ने उत्तर प्रदेश की चित्रकूट जिला जेल में 14 अप्रैल 2021 की दोपहर को मुख्तार अंसारी के करीबी माने जाने वाले मुकीम काला और मेराज अली की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद पुलिस को मजबूरन एनकाउंटर के दौरान अंशु दीक्षित को ढ़ेर करना पड़ा था। इस मामले में योगी आदित्यनाथ ने चित्रकूट जिला कारागार के जेलर और जेल अधीक्षक को सस्पेंड कर दिया था।
दरअसल, तीनों हाई सिक्योरटी बैरंक में बंद थे। 14 अप्रैल 2021 की दोपहर को निरुद्ध अंशुल दीक्षित को कही से बंदूक मिल गई। जिसके बाद अंशुल दीक्षित ने शातिर बदमाश मेराजुद्दीन और मुकीम उर्फ काला पर गोली चलाना शुरू कर दिया था। जिसके गोली की आवाज सुनकर जेल में हड़कंप मच गया था। मौके पर पहुंची पुलिस की अंशुल दीक्षित से मुठभेड़ हुई। जिसमें पुलिस की गोली लगने से अंशुल दीक्षित की भी मौके पर मौत हो गई थी। इस शुटआउट में शातिर बदमाश निरुद्ध अंशुल दीक्षित, मेराजुद्दीन और मुकीम उर्फ काला की मौत हो गई।
उत्तर प्रदेश के मानकपुर गांव का निवासी था मुकीम काला
मुकीम काला वैसे तो मूलरूप से उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में स्थित मानकपुर गांव का रहने वाला था। उसका जीवन शुरुआत में बड़ा गरीबी में बीता था, लेकिन बाद में दहशत का दूसरा नाम मुकीम काला पड़ गया। अखिलेश यादव की सरकार के दौरान जब मुकीम काला कैराना में था तो मुकीम काला की वजह से सैकड़ों हिंदू लोगों ने कैराना से पलायन किया था। बताया जाता है कि उससे प्रताड़ित और परेशान होकर सैकड़ों हिंदू लोगों ने कैराना छोड़ दिया था। उसने कैराना में बहुत आतंक काटा था। बताया जाता है कि बिना उसकी मर्जी के कैराना में कोई भी अपराधिक घटना नहीं होती थी।