वर्ष 1974 के बाद किसानों ने सरकार को बेचा सबसे ज्यादा गेहूं, सारे सरकारी गोदाम फुल

वेस्ट यूपी में गेहूं खरीद का नया रिकॉर्ड : वर्ष 1974 के बाद किसानों ने सरकार को बेचा सबसे ज्यादा गेहूं, सारे सरकारी गोदाम फुल

वर्ष 1974 के बाद किसानों ने सरकार को बेचा सबसे ज्यादा गेहूं, सारे सरकारी गोदाम फुल

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

Wheat Purchasing in Uttar Pradesh : एक तरफ वेस्ट यूपी (West UP) में केंद्र सरकार के कृषि कानूनों (Farmers Laws) के खिलाफ किसानों का आंदोलन चल रहा है, दूसरी ओर मेरठ मंडल में अप्रैल से बम्पर गेहूं खरीद चल रही है। बीते शनिवार तक वेस्ट यूपी के जिलों में 2,01,75,568.247 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो गई है। इस बार गेहूं की बंपर पैदावार हुई है। गेहूं खरीद करने के लिए राज्य सरकार ने बड़े कदम उठाए, जिनका सकारात्मक प्रभाव सामने आ रहा है।

मिली जानकारी के मुताबिक वर्षों बाद ऐसा हुआ है कि वेस्ट यूपी के जब कई जिलों में गेहूं रखने की जगह नहीं बची है। मेरठ और सहारनपुर मंडल के सारे सरकारी गोदाम भर गए हैं। वर्षों बाद करीब ढाई गुना अधिक गेहूं की खरीद हुई है। अभी तो 15 जून तक गेहूं खरीद जारी रहेगी। एक तरफ वेस्ट यूपी में केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन चल रहा है। दूसरी ओर मेरठ मंडल में अप्रैल से गेहूं खरीद चल रही है। बीते शनिवार तक 2,01,75,568.247 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो गई है, जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 85,448.364 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी। अब क्रय केंद्रों पर भंडारण का प्रबंध किया जा रहा है। खुले में रखे गेहूं को सम्भालने के लिए तिरपाल भेजे जा रहे हैं। बचा हुआ गेहूं भंडारण के लिए हापुड़ के गोदाम में भेजा जा रहा है, क्योंकि इसकी क्षमता मंडल में सबसे अधिक 6 लाख कुंतल है। बताया गया है कि साल 1974 में गेहूं की बंपर पैदावार से गोदाम फुल हुए थे। अभी वेस्ट यूपी के 246 क्रय केंद्रों पर खरीद जारी है।

बिजनौर जिले में 46 गेहूं क्रय केंद्रों पर 15,389 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदारी हो चुकी है l जिला खाद्य विपणन अधिकारी घनश्याम वर्मा ने बताया कि पिछले साल जिले में 8,604 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी। जिले में अभी क्रय केंद्रों पर खरीद चल रही है। वहीं, सहारनपुर में 97 क्रय केंद्रों पर 65 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है। पिछले साल 60 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था। जिले में भंडारण क्षमता 53 हजार मीट्रिक टन है। बाकी गेहूं मुजफ्फरनगर के बामनहेड़ी भेजा गया है।

बुलंदशहर जिले में 112 क्रय केंद्रों पर अभी तक 98 हजार मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद हो चुकी है। पिछले वर्ष जिले में एक लाख 12 हजार मीट्रिक टन खरीद हुई थी। इस बार शासन ने खरीद का कोई लक्ष्य जारी नहीं किया है। बागपत जिले में संचालित 19 क्रय केंद्रों पर गेहूं की बंपर खरीद हुई है। पिछले वर्ष 5,800 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था। इस बार आठ हजार मीट्रिक टन से अधिक गेहूं खरीदा जा चुका है। मुजफ्फरनगर जिले में 52 खरीद केंद्र बनाए गए हैं, जिन पर अभी तक 7,450 किसानों से 23,323 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है। पिछले साल पूरी अवधि में केवल 16,662 टन गेहूं ही खरीदा गया था।

शामली जिले में संचालित 21 गेहूं क्रय केंद्रों पर इस साल अब तक 13,670 मीट्रिक टन गेहूं खरीद हो चुकी है, जबकि पिछले साल 17,883 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था। शामली जिला लक्ष्य प्राप्ति में प्रदेश में अव्वल रहा था। हापुड़ जनपद में 18,866.732 मीट्रिक गेहूं की खरीद की जा चुकी है। जिले में 32 सरकारी क्रय केंद्र बनाए गए हैं, अब तक 5,730 किसान क्रय केंद्र पर गेहूं बेच चुके हैं। मेरठ मंडल के खाद्य एवं विपणन नियंत्रक दिनेश चंद्र मिश्रा का कहना है, "खरीद बढ़ने पर भंडारण में कोई दिक्कत नहीं है। क्रय केंद्रों पर भी भंडारण के लिए तिरपाल आदि का व्यवस्था की जा रही है। राशन वितरण के लिए भी गेहूं की निकासी हो रही है।"

जिलेवार गेहूं खरीद की स्थिति पर एक नजर

जिला           खरीद मीट्रिक टन में
मेरठ                21225.662
बागपत            8095.997
हापुड़               18382.287
गाजियाबाद       8791.250
गौतमबुद्धनगर   22120.314
बुलन्दशहर        94461.437
बिजनौर            15,389
मुजफ्फरनगर     23,323
शामली              13,670
सहारनपुर           65,000

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