फ्रांस और अमेरिका के साथ मिलकर बनाए जाएंगे पैराशूट, विदेशों से कम होंगे दम

Kanpur News : फ्रांस और अमेरिका के साथ मिलकर बनाए जाएंगे पैराशूट, विदेशों से कम होंगे दम

फ्रांस और अमेरिका के साथ मिलकर बनाए जाएंगे पैराशूट, विदेशों से कम होंगे दम

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Kanpur News : शहर में फ्रांस और अमेरिका के साथ मिलकर भी पैराशूट को बनाया जाएगा। इसके लिए ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड की ओर से तैयारी शुरू हो गई है। खास बात यह है कि उत्पादन के लिए अमेरिका और फ्रांस के तकनीक दल ने हाल ही में निर्माणी आकर दौरा भी किया था। इन देशों की कंपनियों के साथ होने वाली साझेदारी में डिजाइन विदेशी कंपनियों की होगी, उत्पादन ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड का होगा और सप्लाई ऑर्डर देने वाले देश में होगी।

आत्मनिर्भर नीति और मेक इन इंडिया
यह जानकारी शुक्रवार को ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक विजय कुमार तिवारी ने दी। स्थापना दिवस पर वार्ता करते हुए उन्होंने बताया कि भारत सरकार की आत्मनिर्भर नीति और मेक इन इंडिया के तहत ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड विश्व पटल पर भी तेजी से उपस्थिति दर्ज कर रहा है। जीआईएल को वैश्विक ब्रांडिंग के परिणाम भी मिलने शुरू हो गए हैं। जीआईएल ने पिछले वर्ष लगभग दो सौ करोड़ रुपये का उत्पादन किया, जिनमें लगभग 20 करोड़ रूपये के निर्यात के ऑर्डर शामिल हैं।

तीन ऑर्डर आए
वार्ता के दौरान ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड के निदेशक संचालन सुनील दाते और निदेशक वित्त सुरेंद्र घापोडकर भी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड अब खेलों के लिए भी पैराशूट तैयार करेगा। पैराग्लाइडिंग और पैरासेलिंग के लिए उनके पास अभी तीन ऑर्डर आए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि किसी भी विदेशी कंपनी के मुकाबले उनके पास बेहतर गुणवत्ता मौजूद हैं। उनके दाम भी विदेश में बने पैराशूट के दामों के मुकाबले कम हैं। यही वजह है कि उन्हें निर्यात में जल्द ही बड़ी सफलता हासिल होने की उम्मीद है।

एआई का होगा प्रयोग
पैराशूट के बेहतर निर्माण के लिए अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी उपयोग किया जाएगा। बताया गया कि इसके लिए आईआईटी दिल्ली का सहयोग लिया जा रहा है। ‘एआई’ का उपयोग कर पैराशूट निर्माण के दौरान उसकी गुणवत्ता व जांच के लिए किया जाएगा।

सेना में सप्लाई शुरू
यह भी बताया गया कि ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड की ओर सेना के ऑर्डर की सप्लाई शुरू कर दी गई है। खासतौर पर ब्रेक पैराशूट फॉर सुखोई-30 और ब्रेक पैराशूट फॉर हॉक पर वायु सेना की निर्भरता विदेशों पर पूरी तरह से खत्म हो गई है। वायु सेना के लिए और अधिक बेहतर पैराशूट बनाए जाने के लिए शोधकार्य चल रहा है।

बुल्गारिया से मिला ऑर्डर
निर्यात पर बताया गया कि बुल्गारिया से हाल ही में ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड को लगभग 22 करोड़ रुपये का निर्यात ऑर्डर मिला है। यह ऑर्डर पायलट पैराशूट का ऑडर है। बुल्गारिया के अलावा ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड तुर्कमेनिस्तान, मलेशिया, केन्या, अंगोला, नेपाल व इंडोनेशिया के साथ निर्यात ऑर्डर के लिए संपर्क में हैं। पहले भी इंडोनेशिया, मलेशिया, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान जैसे देशों के पैराशूट के विभिन्न निर्यात ऑर्डर पूरे किए जा चुके हैं।

केन्या की सेना भी कर रही उपयोग
केन्या की सेना भी ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड के बने पैराशूट पीटीए-एम और पीटीए-आर पैराशूट उपयोग कर रही है। यह पैरशूट रक्षामंत्री की ओर से केन्या को भेंट किया गया था।

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