महंत नरेंद्र गिरि की षोडशी पर बलवीर गिरि का पट्टाभिषेक, श्री मठ बाघम्बरी गद्दी और लेटे हनुमान मंदिर के बने नए महंत

प्रयागराज : महंत नरेंद्र गिरि की षोडशी पर बलवीर गिरि का पट्टाभिषेक, श्री मठ बाघम्बरी गद्दी और लेटे हनुमान मंदिर के बने नए महंत

महंत नरेंद्र गिरि की षोडशी पर बलवीर गिरि का पट्टाभिषेक, श्री मठ बाघम्बरी गद्दी और लेटे हनुमान मंदिर के बने नए महंत

Google Image | Mahant Balveer Giri

Prayagraj : प्रयागराज के श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में मंगलवार को महंत नरेंद्र गिरि की षोडशी के दिन बलवीर पुरी को मठ का नया महंत बनाया गया। पूरे देश से आए पंच परमेश्वर और कई अखाड़ों के महामंडलेश्वर की उपस्थिति में श्री निरंजनी अखाड़ा के उप महंत बलवीर पुरी को श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के महंत के तौर पर तिलक लगाकर चादर ओढ़ाकर पट्टाभिषेक किया गया। बलवीर की चादर विधि में निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद ब्रह्मचारी के अलावा पंच परमेश्वर समेत कई महामंडलेश्वर और संन्यासियों के साथ साधु संत भी मौजूद रहे। महंत नरेंद्र गिरि की षोडशी का भंडारा भी हुआ, इस दौरान वहां उपस्थित लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।

महंत नरेंद्र गिरि की वसीयत के आधार पर निरंजनी अखाड़े के पंच परमेश्वरों ने हरिद्वार में बैठक करके बलवीर पुरी को उत्तराधिकारी चुना था। निरंजनी अखाड़े में चार सचिव होते हैं, इनमें महंत नरेंद्र गिरि भी अखाड़े के एक सचिव थे। अब नरेंद्र गिरी की मृत्यु के बाद एक पद रिक्त हो गया है। इस समय निरंजनी अखाड़े के तीन सचिवों में महंत रवींद्र पुरी, महंत राम रतन गिरि और महंत ओंकार गिरि के नाम शामिल हैं। महंत नरेंद्र गिरि की षोडशी के बाद इस पद पर नई नियुक्ति के बारे में अखाड़े की ओर से विचार किया जाएगा।

बलवीर पुरी ने महंत की समाधि पर जाकर मत्था टेका
बलवीर पुरी के महंत बनने के बाद श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि की षोडशी का कार्यक्रम शुरू हुआ। बलवीर पुरी सबसे पहले अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरि की समाधि पर पहुंच कर मत्था टेका और पूजन कर आशीर्वाद मांगा। श्री मठ बाघम्बरी गद्दी की स्थापना 1982 में श्री निरंजनी अखाड़े के महात्मा बाबा बाल किशन गिरी ने की थी। यह मठ गिरि नागा सन्यासी की गद्दी मानी जाती है। बलवीर पुरी के नए महंत बनने के बाद अब उनके नाम में गिरि जुड़ गया है। 


अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की इच्छा थी कि उनकी षोडशी के दिन बलवीर पुरी को श्री मठ बाघम्बरी गद्दी का नया महंत बनाया जाए। उनकी मौत के कुछ दिन बाद बिल्केश्वर महादेव मंदिर के महंत बलवीर पुरी को बाघम्बरी गद्दी का महंत घोषित किया गया। यह घोषणा हरिद्वार में हुई पंच परमेश्वर की बैठक में की गई थी। यह तय किया गया था कि 5 अक्टूबर को नरेंद्र गिरी की षोडशी के दिन उनका पट्टाभिषेक होगा। 

महंत की श्रद्धांजलि सभा से कार्यक्रम की शुरूआत
 श्री महंत विचारानंद संस्कृत महाविद्यालय में श्रद्धांजलि सभा से समारोह की शुरूआत हुई। पूरे देश के 13 अखाड़ों महामंडलेश्वर सहित संन्यासियों के साथ साधु संतों ने महंत नरेंद्र गिरि को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद बलवीर गिरि का पट्टाभिषेक किया गया। श्री निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि महाराज और पंच परमेश्वरों ने बलवीर को तिलक लगाया उसके बाद चादर ओढ़ाकर उन्हें आशीर्वाद दिया। बाघंबरी गद्दी के महंत बनने के साथ लेटे हनुमान मंदिर की भी जिम्मेदारी मिल गई है। पट्टाभिषेक के बाद सोलह महात्माओं को भोजन कराया और दान दक्षिणा दिया। फिर बाकी साधु संन्यासियों के लिए भंडारा शुरू हुआ।

षोडशी आयोजन में आने-जाने वालों पर रहेगी एजेंसी की नजर
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रहे नरेंद्र गिरि का षोडशी का आयोजन भी जांच एजेंसी के रडार पर है। इस आयोजन में शामिल होने के लिए देश भर से आए पंच परमेश्वर और आचार्य महामंडलेश्वर के साथ साधु महात्माओं और अन्य लोगों पर भी जांच एजेंसियों की नजर होगी। माना जा रहा है कि सीबीआइ की टीम भी गोपनीय तरीके से इस आयोजन में शरीक होने वालों की जानकारी जुटा सकती है। इस दौरान वहां मौजूद लोगों की गतिविधियों पर नजर रहेगी। कौन किससे मिला, इसका भी ब्यौरा जुटाया जा सकता है। उन लोगों पर भी विशेष नजर रखी जा सकती है, जिनकी आनंद गिरि आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप के भी संपर्क में रहे थे। षोडशी आयोजन में भीड़ को देखते हुए कड़े सुरक्षा प्रबंध भी किये गए थे।

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