रावण की ससुराल में स्कूटर पर निकले लक्ष्मीकांत वाजपेयी, पुलिस ने रोका तो कहा- मैंने फकीरी छोड़ दी तो जान बचाना भारी पड़ जाएगा

यूपी न्यूज : रावण की ससुराल में स्कूटर पर निकले लक्ष्मीकांत वाजपेयी, पुलिस ने रोका तो कहा- मैंने फकीरी छोड़ दी तो जान बचाना भारी पड़ जाएगा

रावण की ससुराल में स्कूटर पर निकले लक्ष्मीकांत वाजपेयी, पुलिस ने रोका तो कहा- मैंने फकीरी छोड़ दी तो जान बचाना भारी पड़ जाएगा

Google | पुलिसकर्मियों पर नाराज लक्ष्मीकांत वाजपेयी

Meerut : भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉ.लक्ष्मीकांत वाजपेयी की एक वीडियो सामने आ रही है, जिसमें वह पुलिसकर्मियों पर गुस्सा करते नजर आ रहे हैं। मेरठ की इस वीडियो में पुलिसकर्मियों पर नाराजगी जताते हुए डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी कह रहे हैं कि, "देखो मैं कबड्डी खेलने का आदी हूं। मैं ट्रांसफर नहीं कराता किसी का, छाती पर पैर रख कर नाचता हूं। यह खाकी वर्दी वाले लोग हैं, जो कानून नहीं जानते। ना सिस्टम जानते हैं। हम भी अपने अधिकार अच्छी तरह से जानते हैं।"

स्कूटी पर पहुंचे लक्ष्मीकांत वाजपेयी
बीते रविवार को जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा मेरठ के सर्किट हाउस में पहुंचे थे। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉ लक्ष्मीकांत वाजपेयी खुद अपनी स्कूटी चला कर उनसे मिलने के लिए सर्किट हाउस पहुंचे। सर्किट हाउस पर ड्यूटी में लगा सिपाही लक्ष्मीकांत वाजपेयी को पहचान ना सका। उसने स्कूटी को अंदर जाने से मना कर दिया, जिस पर लक्ष्मीकांत वाजपेयी भड़क उठे।

स्कूटी पर ही उपराज्यपाल से मिलूंगा
ड्यूटी पर मौजूद सिपाही द्वारा रोके जाने पर लक्ष्मीकांत बाजपेई नाराज हो गए और गुस्से में उन्होंने कहा, "मैंने फकीरी छोड़ दी, तो जान बचाना भारी पड़ जाएगा।" इसके बाद लक्ष्मीकांत वाजपेयी सर्किट हाउस में एनेक्सी के बाहर अपनी स्कूटी पर ही बैठ गए और कहा, "स्कूटी पर रुक कर ही उपराज्यपाल की गाड़ी आने का इंतजार करूंगा। जब वह आएंगे तो यहीं उनको रोककर मिलूंगा। वो यहां मुझसे बिना मिले चले जाएं तो मैं देखता हूं।"

लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने जताई नाराजगी 
कुछ देर बाद वहां CO अरविंद चौरसिया पहुंचे और कई बार हाथ जोड़कर लक्ष्मीकांत वाजपेयी को शांत कराने का प्रयास किया। अपने साथ हुए दुर्व्यवहार पर नाराजगी जताते हुए लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा, "हां, इनको तो गाड़ी वाले सांसद पसंद हैं। क्योंकि वह माल खाते हैं और खिलाते हैं। हम ना हीं पैसे लेते हैं, नहीं देते हैं। मैं सादा जीवन जीता हूं। मैंने कई बड़े–बड़े तीस मार खान देखे हैं। यह मेरठ है, रावण की ससुराल। इसे मयदंत का खेड़ा कहते हैं। यहां अच्छे-अच्छे उलट कर चले गए।"

भारतीय राजनीति में निभाई अहम भूमिका 
लक्ष्मीकांत वाजपेयी साधारण जीवन में विश्वास रखते हैं। जनता के बीच जाना हो या अफसरों के बीच बैठकों में जाना हो, लक्ष्मीकांत अक्सर अपनी स्कूटी से ही सवारी करते हैं। वह 4 बार विधायक रह चुके हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने प्रदेश की 80 सीटों में से कुल 73 सीटें दिलाई थीं। उस समय वह यूपी में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी थे।

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