Tricity Today | निशुल्क अल्ट्रासाउंड सुविधा उपलब्ध
Auraiya News : औरैया-मातृ और शिशु मृत्युदर में कमी लाने के उद्देश्य से चल रहा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान गर्भवतियों को खूब भा रहा है। गुरुवार को जिला अस्पताल, ब्लाक स्तरीय सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती की प्रसव पूर्व जांचें की गई। जोखिम भरी गर्भावस्था (एचआरपी) से गुजरने वाली गर्भवती को खानपान का ध्यान रखने और नियमित तौर पर चेकअप कराकर डॉक्टर के परामर्श पर दवाएं लेने की सलाह दी गई, वहीं निजी सेंटरों पर जांच के लिए जिले की दो सीएचसी पर ई-वाउचर की सुविधा भी शुरू हो गई है। ई-वाउचर के जरिए निजी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अजीतमल में अजय अल्ट्रासाउंड सेण्टर और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिधूना में ओम साईं अल्ट्रासाउंड सेण्टर संचालक को भुगतान किया जायेगा।
निशुल्क अल्ट्रासाउंड सुविधा उपलब्ध
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.अर्चना श्रीवास्तव ने बताया की मातृ एवं शिशु मृत्यु दर पर अंकुश लगाने के लिए सुरक्षित मातृत्व अभियान संचालित है। देश सरकार की ओर से निशुल्क अल्ट्रासाउंड सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ई-रूपी वाउचर सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया गया है और जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह सुविधा शुरू भी कर दी गई है।
स्वास्थ्य केन्द्रों पर अल्ट्रासाउंड सुविधा
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ शिशिर पुरी ने बताया कि अभियान के तहत हर माह की नौ तारीख को सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसव पूर्व जांच निशुल्क की जाती हैं और अन्य जांचों के अलावा अल्ट्रासाउंड की सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराई जाती है लेकिन सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर अल्ट्रासाउंड सुविधा उपलब्ध नहीं है। अब प्रदेश सरकार की ओर से निशुल्क अल्ट्रासाउंड सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ई-रुपी वाउचर सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। इस व्यवस्था से आशा कार्यकर्ताओं को भी जोड़ा गया है। वह महिलाओं का ऑनलाइन पंजीकरण करती हैं। यही पंजीकरण अल्ट्रासाउंड जांच में काम आएगा।
मोबाइल नंबर पर ओटीपी
जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता अखिलेश कुमार ने बताया कि इस सुविधा के तहत गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए सीएचसी पर ई-वाउचर दिया जाता है। लाभार्थी महिला के मोबाइल नंबर पर ओटीपी आता है। इसी नंबर को दिखाकर अनुबंधित सेंटर में मुफ्त अल्ट्रासाउंड की सुविधा दी जाती है। ई-वाउचर व्यवस्था के ऑनलाइन भुगतान की प्रक्रिया के लिए स्वास्थ्य विभाग ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से करार किया है। ई-रुपी वाउचर “मेकर” के रूप में सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक (बीपीएम) या ब्लॉक लेखा प्रबंधक जिम्मेदारी संभालेंगे, जबकि जिला स्तरीय चिकित्सालयों से ई-रुपी वाउचर जारी करने की जिम्मेदारी चिकित्सालय प्रबंधक या एकाउंटेंट की होगी। इसी प्रकार “चेकर” की भूमिका में सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी (एमओआईसी) और जिला स्तरीय चिकित्सालयों में चिकित्सा अधीक्षक या उनके द्वारा नामिक व्यक्ति रहेगा।