राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को प्रयागराज इलाहाबाद हाई कोर्ट में आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय व उच्च न्यायालय में मल्टी लेवल पार्किंग एवं एडवोकेट चैंबर का शिलान्यास किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि सभी को समय से न्याय मिले इसके साथ न्याय व्यवस्था कम खर्चीली हो और सबको समझ में आने वाली भाषा में निर्णय देने की व्यवस्था हो। खासकर महिलाओं तथा कमजोर वर्ग के लोगों को न्याय प्रक्रिया में भी न्याय मिले यह हम सब की जिम्मेदारी है। न्यायपालिका में भी महिलाओं की भूमिका को बढ़ाना होगा इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सन 1921 में भारत की पहली महिला वकील यहीं बनी थी।
राष्ट्रपति बोले न्यायपालिका में बढ़ाईं जाएं महिला न्यायाधीश
राष्ट्रपति अपने उद्बोधन कहा कि उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालयों को मिलाकर महिला न्यायाधीशों की कुल संख्या 12 प्रतिशत से भी कम है। यदि हमें अपने संविधान के समावेशी आदर्शों को प्राप्त करना है। तो न्यायपालिका में भी महिलाओं की भूमिका को बढ़ाना होगा। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सन 1921 में भारत की पहली महिला वकील सुश्री कोर्नीलिया सोराबजी को इनरोल करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया था। वह महिला सशक्तिकरण की दिशा में इलाहाबाद उच्च न्यायालय का भविष्योन्मुखी निर्णय था। जनसाधारण में न्यायपालिका के प्रति विश्वास और उत्साह को बढ़ाने के लिए लंबित मामलों के निस्तारण में तेजी लाने से लेकर सबोर्डिनेट ज्यूडिशरी की दक्षता बढ़ाने तक कई पहलुओं पर अनवरत प्रयासरत रहना समय की मांग है।
स्वामी विवेकानंद के शिकागो धर्म सम्मेलन की बात कही राष्ट्रपति
शिकागो धर्म सम्मेलन 1893 में यदि विश्व समुदाय ने स्वामी विवेकानंद के 'नाइन-इलेवन' के सहिष्णुता के संदेश को पूर्ण रूप से स्वीकार कर लिया होता। तो शायद अमेरिका में वर्ष 2001 के 9/11 का मानवता विरोधी भीषण अपराध न हुआ होता। प्रयागराज की एक प्रमुख पहचान शिक्षा के केंद्र के रूप में रही है। मेरी शुभकामना है कि राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय को प्रयागराज में योजनानुसार स्थापित तथा विकसित हो और यहां के विद्यार्थी न्याय पूर्ण सामाजिक व आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। इलाहाबाद हाईकोर्ट के बार और बेंच के प्रबंध सदस्यों ने समाज और देश को वैचारिक नेतृत्व प्रदान किया है।
राज्यपाल और सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस ने संगम नगरी को बताया ऐतिहासिक
यूपी की राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने कुंभ नगरी को ऐतिहासिक पौराणिक पृष्ठभूमि बताते हुए उम्मीद जताई कि विधि विश्वविद्यालय मील का पत्थर साबित होगा। कानूनी शिक्षा की गुणवत्ता के लिए इसे जरूरी बताया और उम्मीद जताई कि यहां से शिक्षित युवा सभी को न्याय दिलाने में सक्षम होंगे। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने कहा कि कुंभ नगरी में आगमन गौरव का विषय है। हम जन सामान्य तक सस्ता व सहज न्याय दिलाने के प्रति कटिबद्ध हैैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट का इतिहास डेढ़ सौ वर्ष पुराना है। यहां सच्चिदानंद सिन्हा, मोतीलाल नेहरू, महामना मदन मोहन मालवीय जैसे लोग न्याय दिलाने के लिए रहे हैं।
एशिया का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय बताया मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज मुझे बताते हुए यह प्रसन्नता है कि प्रयागराज का उच्च न्यायालय एशिया का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय है। यहां नवनिर्माण से 4000 वाहनों की पार्किंग की सुविधा के साथ अधिवक्ताओं के लिए अत्याधुनिक चेंबर एवं लाइब्रेरी की सुविधा उपलब्ध होगी। सरकार अधीनस्थ न्यायालयों में डिजिटाइजेशन के लिए लगभग ₹70 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। माननीय उच्च न्यायालय के कंप्यूटर क्रय के लिए 30 करोड़ अधीनस्थ न्यायालय में कंप्यूटर क्रय व अनुरक्षण के लिए 20 करोड़ और न्यायिक अधिकारियों के लिए नए लैपटॉप के लिए 18 करोड़ की राशि प्रदेश सरकार ने पहले से ही स्वीकृत की हुई है।
केंद्रीय विधि विश्वविद्यालय का नाम पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के नाम पर रखने का सुझाव
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुझाव दिया कि केंद्रीय लॉ यूनिवर्सिटी का नाम देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद के नाम रखा जाए। उन्होंने कहा कि उनका संगमनगरी से आत्मीय लगाव था। अपने जीवन काल में वह हर कुंभ में यहां आए। कानून मंत्री ने प्रयागराज को ऐतिहासिक शहर बताया। साथ ही भारत सरकार की ओर से न्यायपालिका को मजबूती देने के लिए जो भी जरूरी है। वह हर संभव संसाधन मुहैया कराने का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके लिए प्रतिबृद्ध हैैं। कार्यक्रम में स्वागत संबोधन मुख्य कार्यवाहक न्यायाधीश एमएन भंडारी ने दिया।
एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने किया स्वागत
माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद का प्रयागराज एयरपोर्ट पर संगम नगरी में आगमन पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमण और केन्द्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरण रिजिजू का भी स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज गंगा यमुना सरस्वती त्रिवेणी की भूमि है। इस पावन धरती पर देश दुनिया के नागरिक अपनी सफलता की कामना लेकर संगम में स्नान के लिए आते हैं। त्रिवेणी की इस धरती पर एक आम जनमानस धर्म न्याय और शिक्षा के प्रमुख केंद्र की प्रत्यक्ष अनुभूति से स्वयं को धन्य महसूस करता है।