आगरा में बंद रहेंगी चिकित्सा सेवा से जोड़ी निजी संस्था, आपातकालीन सेवाएं ठप

अर्चना शर्मा सुसाइड केस : आगरा में बंद रहेंगी चिकित्सा सेवा से जोड़ी निजी संस्था, आपातकालीन सेवाएं ठप

आगरा में बंद रहेंगी चिकित्सा सेवा से जोड़ी निजी संस्था, आपातकालीन सेवाएं ठप

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

Agra : डॉ. अर्चना शर्मा सुसाइड केस राजस्थान के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले को लेकर एक तरफ जहां प्रदेशभर के डॉक्टर आक्रोशित हो रहे हैं। वहीं आगरा में बुधवार सुबह 6:00 बजे से 24 घंटे के लिए निजी अस्पताल, क्लीनिक, पैथोलॉजी लैब और चिकित्सा सेवा से जुड़े निजी संस्था पूरी तरह बंद रहेंगी। यह मामला देश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है और डॉक्टरों में आक्रोश है।

पूरा मामला
दरअसल, दौसा जिले के लालसोट कस्बे में एक निजी अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ.अर्चना शर्मा ने मंगलवार को कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इससे पहले डॉ. ने एक भावुक सुसाइड नोट भी लिखा था, जिसमें उन्होंने खुद को बेकसूर बताया था। शर्मा के खिलाफ सोमवार को उनके निजी अस्पताल में एक गर्भवती की मौत के बाद इलाज में लापरवाही का मामला दर्ज किया गया था। मृतक के पति ने आरोप लगाया है कि भाजपा नेता पुलिस पर चिकित्सक के खिलाफ हत्या के आरोप में मामला दर्ज करने के लिए दबाव बनाने के आरोपी बल्या जोशी को बचा रहे हैं।

डॉक्टरों ने बैठक के बाद लिया निर्णय
इस मामले को लेकर बुधवार को आईएमए भवन पर बैठक हुई। बैठक में निर्णय लिया गया है कि बृहस्पतिवार सुबह छह बजे से शुक्रवार सुबह छह बजे तक सभी निजी डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे। आपातकालीन सेवाएं भी ठप रहेंगी। आईएमए के अध्यक्ष डॉ राजीव उपाध्याय, पूर्व अध्यक्ष डॉ रवि मोहन पचौरी, सचिव डॉ अनूप दीक्षित सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक आईएमए भवन पर एकत्रित हुए डॉक्टरों ने बैठक में हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया।

राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ट्वीट
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि दौसा में डॉ. अर्चना शर्मा की आत्महत्या की घटना बेहद दुखद है। हम सभी डॉक्टर्स को भगवान का दर्जा देते हैं। हर डॉक्टर मरीज की जान बचाने के लिए अपना पूरा प्रयास करता है। परन्तु कोई भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना होते ही डॉक्टर पर आरोप लगाना न्यायोचित नहीं है। अगर इस तरह डॉक्टर्स को डराया जाएगा तो वे निश्चिंच होकर अपना काम कैसे कर पाएंगे। हम सभी को सोचना चाहिए कि कोविड महामारी या अन्य दूसरी बीमारियों के समय अपनी जान का खतरा मोल लेकर सभी के सेवा करने वाले डॉक्टर्स से ऐसा बर्ताव कैसे किया जा सकता है।

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