योगी सरकार में हुई गन्ने की रिकॉर्ड पैदावार, 4 साल में 4289 लाख टन फसल की पेराई हुई, पढ़ें वर्षवार आंकड़ें 

उपलब्धि : योगी सरकार में हुई गन्ने की रिकॉर्ड पैदावार, 4 साल में 4289 लाख टन फसल की पेराई हुई, पढ़ें वर्षवार आंकड़ें 

योगी सरकार में हुई गन्ने की रिकॉर्ड पैदावार, 4 साल में 4289 लाख टन फसल की पेराई हुई, पढ़ें वर्षवार आंकड़ें 

Google Image | CM Yogi Adityanath

Uttar Pradesh : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नेतृत्व में प्रदेश सरकार प्रदेश के गन्ना किसानों के साथ-साथ अन्य किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। गन्ना किसानों को प्रदेश सरकार हर स्तर पर मदद कर रही है। गन्ना किसानों की आय में वृद्धि के लिए प्रदेश सरकार ने गन्ना मूल्य में 25.00 रुपये प्रति कुंतल की अभूतपूर्व वृद्धि कर तोहफा दिया है। वर्ष 2021-22 के लिए उप्र सरकार ने गन्ना मूल्य में 25.00 रुपये प्रति कुन्टल की बढ़ोत्तरी की है। शीघ्र प्रजाति के लिए 350.00 रुपये प्रति कुंतल, सामान्य प्रजाति के लिए 340.00 रुपये प्रति कुंतल एवं अस्वीकृत प्रजाति के लिए 335.00 रुपये प्रति कुंतल की दरें निर्धारित करते हुए गन्ना किसानों को लाभान्वित किया है। इस बढ़े हुए मूल्य से प्रदेश के गन्ना किसानों को वर्ष 2021-22 में लगभग 4,000 करोड़ की अतिरिक्त धनराशि चीनी मिलों से प्राप्त होगी।

गन्ने की खेती का क्षेत्रफल बढ़ा
योगी सरकार के गन्ना किसानों के हित में लिये गये निर्णयों से वर्ष 2021-22 के लिए शीघ्र पकने वाली प्रजातियों का क्षेत्रफल 97.45 प्रतिशत, सामान्य प्रजातियों का क्षेत्रफल 2.34 प्रतिशत एवं अनुपयुक्त प्रजातियों का मात्र 0.21 प्रतिशत हो गया है। जबकि वर्तमान सरकार के पूर्व वर्ष 2016-17 में प्रदेश में शीघ्र पकने वाली प्रजाति का क्षेत्रफल 52.83 प्रतिशत, सामान्य पकने वाली प्रजातियों का क्षेत्रफल 37.44 प्रतिशत एवं अनुपयुक्त प्रजातियों का क्षेत्रफल 9.73 प्रतिशत था। वर्ष 2016-17 में शीघ्र पकने वाली प्रजातियों का गन्ना मूल्य 315.00 रुपये प्रति कुंतल, सामान्य प्रजातियों का 305.00 रुपये प्रति कुंतल एवं अनुपयुक्त प्रजातियों का गन्ना मूल्य 300.00 प्रति कुंतल निर्धारित किया गया था। प्रजातियों के आधार पर गन्ना कृषकों को औसतन 309.80 रुपये प्रति कुंतल गन्ना मूल्य प्राप्त होता था।

प्रति हेक्टेयर 60 हजार ज्यादा मिलेगा
मुख्यमंत्री ने गन्ना मूल्य की दर में की गई बढ़ोत्तरी से पेराई सत्र 2021-22 में गन्ना कृषकों को वेराइटल प्रतिशत के आधार पर औसतन 349.80 प्रति कुंतल की दर प्राप्त होगी। यह पेराई सत्र 2016-17 के मुकाबले 40.00 रुपये अधिक है। प्रदेश सरकार की किसान हित में चलाई गयी गन्ना विकास योजनाओं के क्रियान्वयन से औसत गन्ना उत्पादकता बढ़कर 815 कुंतल प्रति हेक्टेयर हो गई है। जो वर्ष 2016-17 में 723.80 कुन्टल प्रति हेक्टेयर ही थी। वर्ष 2021-22 में बढ़ोत्तरी के फलस्वरूप गन्ना किसानों को रुपये 2,85,087.00 प्राप्त होंगे। मतलब, कृषक को 1 हेक्टेयर गन्ने से बढ़े हुए गन्ना मूल्य एवं उपज वृद्धि से 60,854 रुपये प्रति हेक्टेयर अधिक प्राप्त होंगे।

हर साल बना रिकॉर्ड
वर्तमान प्रदेश सरकार के 4 वर्षों के कार्यकाल में कुल 4289.09 लाख टन गन्ने की पेराई की गयी। जबकि इसके पूर्व के 04 वर्षों में मात्र 2918.53 लाख टन गन्ने की पेराई हुयी थी। इस प्रकार वर्तमान सरकार के कार्यकाल में चीनी मिलों में पूर्व के 04 वर्षों के मुकाबले 1370.56 लाख टन अधिक गन्ने की पेराई की गयी। पूर्व के वर्षों में कृषक औने-पौने दामों पर क्रेशर-कोल्हुओं पर गन्ना बेचने के लिए मजबूर थे। वर्तमान सरकार के 04 वर्षों में औसत गन्ना पेराई 1072.27 लाख टन प्रति वर्ष रही है। यह अपने आप में एक रिकार्ड है। जबकि इसके पूर्व के 04 वर्षों में 729.63 लाख टन प्रतिवर्ष थी, जिसके कारण कृषक अपने गन्ने का उचित निस्तारण नहीं कर पाते थे। प्रदेश सरकार के गन्ना किसानों के हितार्थ संचालित विभिन्न लाभकारी योजनाओं का ही परिणाम है कि उप्र गत वर्षों से लगातार गन्ना उत्पादन और चीनी उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है।

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